इस बढ़ती महंगाई में अपना घर व्यवस्थित चलाने के लिए, बच्चो के अरमान पूरा करने के लिए और उनका भविष्य सुधारने के लिए माता-पिता दोनों को ही काम करना पड़ता है.
लेकिन मुश्किल उन माता-पिता को आती है, जिनके बच्चे छोटे होते है.
पेरेंट्स काम पर भी जाए और उनके छोटे से बच्चे की देखभाल भी ठीक तरह से हो, ये एक खुशहाल ज़िन्दगी की सबसे बड़ी ज़रूरत है.
आजकल बेबी सिटिंग जैसे कई छोटे छोटे स्कूल खुल गए है, जहां उन बच्चो का ख्याल रखा जाता है, जिनके मम्मी पापा काम पर जाते है.
एडमिशन कराने के बावजूद पेरेंट्स को संतुष्ठी नहीं होती कि उनका बच्चा ठीक तरह से पला पोषा जा रहा है या नहीं !
अगर आपके साथ भी ठीक ऐसी ही समस्या है तो आपको ज्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योकि हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे है, जिसे अपनाकर आपकी आपके बच्चे के प्रति चिंता खत्म हो जाएगी.
बच्चे को बेबी सिटिंग में डालने के इन 7 बातो का ख्याल रखे.
1 . अपने बच्चे को बेबी सिटिंग में डालने के पहले ये देख ले कि वो जगह आपके घर से ज्यादा से ज्यादा 5 से 10 मिनट की दूरी पर ही हो, ताकि आप बड़ी आसानी से अपने बच्चो के पास जल्द पहुच जाएं.
2 . उस बेबी सिटिंग के आसपास का माहौल ठीक तरह देख ले. अच्छे से पता लगा ले कि वो बेबी सिटिंग आपके स्टेटस से मेल जोल खाता है कि नहीं.
3 . उस बेबी सिटिंग में जिन पेरेंट्स के बच्चे पहले से ही जा रहे हो, उनसे जाकर मिल ले. पता लगाएं कि बच्चो के प्रति वहा का पालन पोषण कैसा है.
4 . बच्चे जितनी देर तक उस बेबी सिटिंग में रहेंगे, तब तक के सारे ज़रूरत के सामान बच्चो के पास छोड़ दे और उनकी टीचर को भी जानकारी दे दे.
5 . अपने बच्चो को लेने के लिए समय से बेबी सिटिंग पहुचे, क्योकिं अन्य बच्चो को ले जाते पेरेंट्स को देख, आपका बच्चा रोने लगता है.
6 . टीचर से कह दे कि आपके या आपकी बीवी के अलावा किसी को भी आपके बच्चे को ना सौपे.
7 . घर लौटते समय ज्यादा से ज्यादा बच्चो से बात करने की कोशिश करे कि बेबी सिटिंग में आज उन्होंने ने क्या किया, कौन सा गेम खेला, और क्या पढ़ाई की.
8 . आप भी उन्हें छोडकर क्यों जाते है, ये भी समझाने का प्रयत्न करें. ताकि देर सबेर बच्चे आपकी मजबूरी समझे.
आप हमारी बताई हुई इन बातो पर गौर करेंगे तो आपकी समस्या निश्चित दूर होनी ही है.
और क्या लिखे आप खुद ही समझदार है.