पेट्रोल डीजल और गैस की महंगाई को देखते हुए, पानी स चलने वाली कार की कल्पना हर इंसान करता था.
पेट्रोल डीजल से चलने वाले कार के धुएं से प्रकृति और इंसान दोनों परेशान हो चुके थे. पेट्रोल डीजल से चलने वाली कार इको सिस्टम को भी ख़राब कर रही थी.
ऐसे में अगर पानी से चलने वाली कार बन जाये तो प्रकृति के हित में होगा और मनाव हित में भी होगा.
लोगो की इस कल्पना को एक शख्स ने शाहकार कर दिखाया है और पानी से चलने वाली कार का फार्मूला खोज निकला.
तो आइये जानते है कहा और किसने किया है.
म. प्र. के सागर जिले का निवासी मोहम्मद रहीस मकरानी ने एक ऐसी कार बनाई है, जो डीजल या पेट्रोल से नहीं बल्कि पानी से चलती है.
मोहम्मद रहीस अपने इस आविष्कार को पूर्ण रूप देने के लिए 26 मई चीन गए थे. मोहम्मद रहीस के फार्मूला को चीन के वैज्ञानिकों योग्य बताया है.
मोहम्मद रहीस के इस आविष्कार को देखते हुए चीन के ही सिन्यांग शहर में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण करने वाली एक कंपनी, जिसका नाम कोलिया मल्टीनेशनल है, उसके एमडी सुमलसन ने मोहम्मद रहीस को इस फ़ॉर्मूले पर कार्य करने के लिए कहा है.
मोहम्मद रहीस के अनुसार उन्होंने यह फार्मुला अपने देश और गाँव में रहकर तैयार करने और लॉन्च करने की इच्छा जताई है.
इस फार्मूले को पूर्ण स्वीकृति के लिए कंपनी ने 3 माह का समय माँगा उसके बाद चीन वापस आ जायेंगे.
2013 में मोहम्मद रहीस अपने बनाए इस फ़ॉर्मूले को पेटेंट कराने हेतु इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑफ इंडिया (मुंबई) के दफ्तर में अर्जी की है
यदि यह कम्पनी इस अर्जी को स्वीकार कर लेती है तो पानी से चलने वाली कार ना केवल भारत में निर्मित होगा बल्कि सस्ती कार भी होगी
साथ ही प्रदूषण मुक्त व पर्यावरण के अनुरूप भी रहेगी. .
अपने देश प्रेम और देश के लिए कुछ करने के समर्पण में इस भारतीय ने विदेशी कंपनी का ऑफर अस्वीकार कर दिया.
भारत में अविष्कारक तो बहुत है लेकिन देश ऐसे बुद्धिजीवियों को बहुत कम मौका देता है. हमारी दिल से शुभकामना है कि मोहम्मद रहीस की अर्जी स्वीकार हो और यह कार भारत में जल्द से जल्द सडको पर दिखाई दे.
लेकिन एक समस्या और हो सकती है इस कार के निर्माण से पानी की कमी और बढ़ सकती है.