ज़ीरो साइज़ फिगर मिले ना मिले लेकिन कमर पतली ही होनी चाहिए.
फिगर मेंटेन ही होना चाहिए. ये चाहत आज के युग की सभी लड़कियों की है.
वही दुसरी ओर दुनियाभर के लडको को भी शादी के लिए या गर्लफ्रेंड बनाने के लिए सिर्फ पतला फिगर ही भाता है, मोटी लड़की नहीं.
इसलिए आज की कन्याएं अपने मोटापे को जड़ से खत्म करने में जुटी हुई है.
लेकिन आपको जानकर शायद आश्चर्य होगा कि इस दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां शादी के लिए सिर्फ मोटी लड़की को ही मान्यता दी जाती है. इसलिए पेरेंट्स अपनी बच्चियों को बचपन से ही इतना खिलाते-पिलाते है कि वे सदैव मोटी ही बनी रहे.
जी हाँ साउथ अफ्रीका के केपटाउन क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कई इलाके आते है, जहां ये परम्परा है कि वे अपने बेटो की शादी के लिए मोटी साइज़ की लड़कियां ही ढूंढते है.
वैसे इस परम्परा को उन्होंने ‘लेबलॉह’ का नाम दिया गया है.
पेरेंट्स अपनी बेटियों को मोटी लड़की बनाने के लिए क्या कुछ करते है आइए हम आपको बताते है.
1 – फैट फ़ार्म
बेटियाँ खा-पीकर टन्न रहे इसलिए परीवार वाले उन्हें 5 साल की उम्र में ही किसी फैट फॉर्म में भेज देते है. उन फैट फॉर्म में बच्चियों को मोटी लड़की कैसे बनाया जाए इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है. समय समय पर ऐसा क्या खाए, जिससे पतली मोटी लड़की हो जाए, इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है.
और जब सालो बाद लडकिया फैट फॉर्म से मोटी लड़की होकर घर आती है तो मानो उनके पेरेंट्स का दिल गार्डेन-गार्डेन हो जाता है.
2 – व्यायाम योग साधना
यहाँ बचपन से ही बच्चियों को फैट बढाने के लिए व्यायाम, योग और एकाग्र साधना की शिक्षा के भरी भरकम किस्म का फैटी खाना खिलाया जाता है.
3 – मोटे शख्स का खून चढ़ाना
यकीन ना हो पर ये बात सच है. सब करने के बावजूद भी जब बच्चियां मोटी नहीं होती तो उन्हें परीवार के किसी ऐसे सदस्य का खून चढ़ाया जाता है जो मोटा हो. पेरेंट्स का मानना है की ऐसा करने से उनकी बेटियाँ मोटा सकती है.
इतनी मशक्कत के बाद ही बेटियों की शादी हो पाती है. यहाँ के लोगो का कहना है कि बहु मोटी हो तो उन्हें समाज में इज्ज़त भी बहोत मिलती है.
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