भारत सूफी- संत पीर- पैगम्बर ऋषि और साधुओं का देश है, जहाँ ऋषियों और सूफी संतो से जुड़े कई चमत्कार और रहस्य सुनने व देखने को मिलते है .
कुछ ऐसा ही चमत्कार इस पत्थर के साथ भी होता है, जिससे आज भी उस सूफी संत का नाम लेने पर 70 किलो का यह पत्थर हवा में उठाया जा सकता है.
आइये जानते है क्या है ये हवा में उड़ता पत्थर.
- महाराष्ट्र का एक छोटा सा गाँव शिवपुर जो पुणे से कुछ ही दूरी पर स्थित है.
- शिवपुर में लगभग 800 साल पहले एक अखाडा हुआ करता था. लेकिन आज वह एक दरगाह बन चुका है.
- इस दरगाह की खासियत यहाँ का उड़ता हुआ 70 किलो का पत्थर है, जो हवा में एक ऊँगली पर खड़ा हो जाता है.
- इस अखाड़े में 800 साल पहले कई पहलवान अभ्यास करते थे और एक सूफी संत कमर अली का मज़ाक उड़ाया करते थे.
- इस अपमान से एक दिन उस संत को गुस्सा आ गया और उन्होंने सामने रखे 70 किलो के पत्थर पर मन्त्र फूकते हुए उस पत्थर को पहलवानों को उठाने के लिए कहा.
- लेकिन उस पत्थर को कोई भी पहलवान हिला नहीं पाए. एक साथ मिलकर भी उस पत्थर पहलवान उठाना तो दूर हिला भी नहीं पाए. तब सूफी संत ने उस पत्थर को अपने नाम से एक ऊँगली में उठा दिया.
- 70 किलो के पत्थर को सूफी संत के नाम से हवा में उड़ते देख पहलवानों ने उस सूफी संत से हाथ जोड़कर माफ़ी मांग ली.
उस दिन से यह हवा में उड़ता पत्थर कमर अली का नाम लेने पर 70 किलो के पत्थर को सिर्फ 11 लोग एक ही ऊँगली से उठाकर हवा में उड़ा देते है.