“मैं ना जाने क्यों दुनिया के लिए खतरा बन गया था. मेरा जहाज जब यूरोप में तेल भरवाने के लिए उतरा तो वहां मुझे किसी ने तेल नहीं दिया. जब मैं इंग्लैंड में जहाज से उतरा तो हम सभी थके हुए थे और हमने आराम करने के अनुमति मांगी, तब हमें बोला गया कि आप हमारे देश के लिए खतरा हो. इसलिए आपको आराम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. जब हमने पूछा कि आपको कैसा खतरा है तो बोला जाता है कि आपसे इसाई धर्म को खतरा हो गया है.”
“जब मुझे उरुग्वे जैसे छोटे देश ने अपने यहाँ रहने की अनुमति दे दी तो अमेरिका पर यह देखा नहीं गया था अमेरिका के राष्ट्रपति ने उरुग्वे को धमकाना शुरू कर दिया था. उरुग्वे का राष्ट्रपति मेरी किताबें पढ़ता था और मेरे विचार जानता था. जब मैं उरुग्वे छोड़ने लगा तो वह रोते हुए मेरे पास आया था. उसने बोला कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने मुझे मारने के लिए एक हत्यारे को 5 लाख डॉलर दिए हैं. इसलिए आप अपने देश लौट जाओ.”
(ऊपर लिखी गयी सारी बातें खुद धर्म गुरू ओशो रजनीश ने लिखी हैं. सबूत के लिए आप यथावत पत्रिका का कुछ समय पहले का अंक पढ़ सकते हैं. इस पत्रिका को पद्म श्री राम बहादुर राय जी के निर्देशन में निकाला जाता है.)
लेकिन अब मुद्दा यह है कि आखिर क्यों अमेरिका एक भारतीय धार्मिक गुरु ओशो रजनीश को मारने के लिए इतना बड़ा कदम उठाएगा?
क्यों ओशो रजनीश पूरी दुनिया के लिए खतरा बन जायेगा?
जब आप गुरु ओशो रजनीश को पढ़ना शुरू करते हैं तो आप सारी कहानी को आसानी से समझ सकते हैं. असल में इसाई धर्म की पोल खोलने वालों में ओशो सबसे ऊपर थे. इसाई धर्म से जब वह तर्कों के आधार आर बहस करते थे तब यह धर्म आँखें दिखाने लगता था. अमेरिका को नंगा करने का काम भी इसी बाबा ने किया था. जिस तरह से अमेरिका पूरे विश्व में युद्ध कराकर, अपने हथियार बेचता था, इस बात को इसी बाबा ने कब का लोगों को बता दिया था.
जब गुरु ओशो अमेरिका गये तो इन्होनें वहां पूर्व के लोगों को ही उनका असली रूप दिखाया. इन्होनें बताया कि उनके रीति-रिवाज कितने खराब हैं और वह जानवर बनते जा रहे हैं. इस बात को सुनकर अमेरिका के लोग हिन्दू बनने के लिए उतावले हो रहे थे. और अमेरिका जल रहा था कि कैसे एक पश्चिम का व्यक्ति, हमारे लोगों को सत्य का रास्ता दिखा रहा है.
जब अमेरिका ने दिया जहर
कुछ लोग ऐसा भी बोलते हैं कि जब ओशो रजनीश अमेरिका में थे तो इसाई लोगों की दूकान बंद हो रही थीं. इसाई लोगों ने बाबा को बड़ी साजिश से खाने में धीमा जहर दिया था जिसके कारण बाबा बाद में भारत आकर बीमार रहने लगे थे.
बाबा जानते थे कि अमेरिका हत्यारा है
बाबा इस बात को जान गये थे कि विश्व की बड़ी-बड़ी मौतों के पीछे अमेरिका का हाथ रहा है. इस बात को ओशो ने बोलना भी शुरू कर दिया था.
(अपने आगामी लेखों में हम इन हत्याओं के ऊपर एक सीरिज निकालने की कोशिश करेंगे)
भारत भी नहीं पहचान पाया इस सच्चे धार्मिक गुरु ओशो रजनीश को
ओशो को जिस तरह से सेक्स गुरू बोला गया है असल में यह सेक्स गुरू की उपाधि इनके जैसी शख्सियत के साथ न्याय नहीं था.
आप अगर इनकी लिखी पुस्तक ‘ संभोग से समाधि’ तक पढ़ते हैं तो इस पुस्तक को मात्र पढ़ने से ही आप ईश्वर के नजदीक पहुच सकते हैं. ओशो लिखा करते करते थे कि अगर ईश्वर की प्राप्ति करनी है तो पहले अपनी सभी इच्छाओं को खत्म कर लो. इच्छाओं को मारो मत, उनको खत्म कर लो. अब इसी तरह से सेक्स की इच्छा है तो पहले शादी करो और सेक्स करो तब आगे बढ़ो.
ओशो पर सबसे बड़ा आरोप
गुरू ओशो रजनीश पर सबसे बड़ा आरोप यही लगता है कि वह महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाते थे. असल में जिस शीला नाम की महिला ने यह सब अपनी एक किताब में लिखा है, उसके पास सबूतों का भारी अभाव था. यह माहिला अपने पति, माता-पिता के साथ आश्रम में रहती थी और अगर उसके साथ कुछ गलत हो रहा था तो तब वह अपने परिवार के सामने क्यों कुछ नहीं बोल पाई थी.
असल में डा. रजनीश जिन्हें हम ओशों के नाम से जानते हैं वह पूरे विश्व में आश्चर्यजनक रूप से विख्यात हो गये थे.
इनके यहाँ आने वाले लोग अच्छे घरों से होते थे. गुरु ओशो रजनीश के तर्कों को कोई भी आजतक नहीं काट पाया है.
अब शायद वह वक़्त आ गया है जब गुरु ओशो रजनीश को एक बार फिर से हमको पढ़ना शुरू कर देना चाहिए और इस बार इनको समझ कर पढ़ा जाए तो सबसे बेहतर होगा.