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इस वीर योद्धा के एक ही वार में ढेर हो गया मोहम्मद गौरी ! लाखों हाथियों का बल होता था इसकी बाहों में

पृथ्वीराज चौहान

पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच हुए युद्ध को तो हर कोई जानता है.

सभी जानते हैं कि पृथ्वीराज चौहान ने अपने पहले ही तराई युद्ध में गौरी की सेना को धूल चटा दी थी.

अगर तब कोई चाहता तो गौरी को आसानी से मारा जा सकता था किन्तु दया करते हुए उसको छोड़ दिया गया था. लेकिन वही इतिहास एक गलती यहाँ भी कर जाता है.

असल में मुहम्मद गौरी को पृथ्वीराज चौहान ने छोड़ा तो था लेकिन गौरी को बड़ी ही वीरता से घायल करने का काम किसी और योधा ने किया था. हमारे लेखक इस नाम को लिखना ही भूल गये हैं. बड़ी ही वीरता से यह योद्धा गौरी से लड़ा था और अपने एक ही वार में गौरी को घोड़े से नीचे गिरा दिया था.

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पेज 136 के अंत में लेखक लिखता है कि जब मुस्लिम आक्रमण हुआ तो सभी की हालत खराब हो गयी थी.

पृथ्वीराज चौहान ने विशाल सेना को एकजुट किया. इस सेना में कई वीर बहादुर शामिल थे. इन्हीं वीरों में दिल्ली के सामंती राजा गोविन्दराज का भी नाम आता है. पृथ्वीराज चौहान और गोविन्दराज ने मिलकर, तराई में मुहम्मद गौरी का सामना किया था.

चहमान सेना की मारकाट से मुस्लिम सेना इधर-उधर बिखर गयी और मुस्लिम सेना में भगदड़ मच गयी थी.  गोविन्दराज हाथी पर बैठकर पीछे से सैनिकों को निर्देश दे रहे थे. तभी गोविन्दराज के चेहरे पर मुहम्मद गौरी ने वार किया. लेखक बताते हैं कि इससे गोविन्दराज के दो दांत टूट जाते हैं.

मुहम्मद गौरी अब खुश था लेकिन उसको गोविन्दराज की ताकत का एहसास होता है. कुछ अन्य लेखक लिखते हैं कि गोविन्दराज की बाहों में लाखों हाथियों जितना बल था. उसने काफी दूर से एक चक्र मुहम्मद गौरी को मारा जो सीधे उसकी बाह में जा लगता है.

जान बचाकर भागा मुहम्मद गौरी

इस चक्र ने गौरी को गंभीर चोट दी और गौरी जान बचाकर भागने लगता है. कई जगह पर जिक्र है कि मुहम्मद गौरी घोड़े से ही गिर पड़ा था. जब मुहम्मद गौरी भागा तो सारी मुस्लिम सेना में ही भगदड़ मच गयी थी. बाद में पृथ्वीराज चौहान से एक गलती हो जाती है और वह मुहम्मद गौरी को जिन्दा छोड़ देता है.

अब गोविन्दराज पर फिर से लिखने की जरूरत है

राजा गोविन्दराज को कैसे भारतीय लेखक भूल जाते हैं, इसमें जरूर आश्चर्य नजर आता है. आपको अगर ऐसा लगे कि यह कहानी झूठी है तो आप उसकी जांच पूरी तरह से कर सकते हैं. गोविन्दराज का इतिहास उठाकर आप जरूर पढ़ें.

इस महान योद्धा के जीवन के आगे का विवरण अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन हम कोशिश करेंगे कि अगर भविष्य में गोविन्दराज के बारें में कुछ मिलता है तो आपके लिए जरूर लेकर आयेंगे.