कभी भारत में पखाने के अन्दर इस तरह की टॉयलेट सीट होती थी, जिसमें इन्सान पैरों के दम पर बैठता था लेकिन आज उनकी जगह इंग्लिश टॉयलेट ने ले ली है.
आज हम इस तरह से टॉयलेट सीट पार बैठते हैं, जैसे कि किसी चेयर पर बैठे हों.
घंटों टॉयलेट में बैठे रहते हैं लेकिन आरामदायक यह टॉयलेट हमको थकने नहीं देती हैं.
हम सही बोल रहे हैं ना?
आप चाहे तो टॉयलेट में अखबार पढ़ सकते हैं और दिल करे तो घंटों वहां बैठकर किसी फिल्म का मजा भी ले सकते हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या आप टॉयलेट में टाइम पास करने जाते हैं? असल में समस्या यह है कि वेस्टर्न टॉयलेट ने हमारे पेट के सिस्टम को ही खराब कर दिया है. इसने हमको इतना नुकसान पहुचाया है कि हम अब बीमार बन गये हैं.
आज हम आपको वेस्टर्न टॉयलेट के 5 नुकसान बताने वाले हैं-
1. अब मजबूत नहीं हमारे पैर और घुटने
भारतीय टॉयलेट सीट ऐसी होती हैं जिसमें सारा जोर पैरों और घुटनों पर होता था. इस तरह से उकडू होकर जब हम बैठते थे तो खून का एक फ्लो पैरों में होने लगता है किन्तु वेस्टर्न टॉयलेट की वजह से आजकल पैरों में दम नहीं रहा है.
2. इंग्लिश वाली शरीर को बना रही बीमार
पहले वाली भारतीय टॉयलेट में इंसान का पूरा शरीर चलता था. हाथ से लेकर पैरों के पंजे तक. एक तरह से इस तरह से टॉयलेट करना पूरी तरह से एक्सरसाइज होती थी. जब आप उठते थे तो शरीर पूरी तरह से एक्सरसाइज कर चुका होता था. आज वेस्टर्न टॉयलेट ऐसा है जैसे कि आप सामान्य रूप से कुर्सी पर बैठे हो.
3. पेट की प्रणाली हो गयी फेल
आप महसूस करें कि जब भारतीय टॉयलेट में बैठते हैं तो फ्रेश होने में मुश्किल से दो से तीन मिनट लगते थे. आज इंग्लिश टॉयलेट पर 5 से 10 मिनट बैठे रहो और फिर भी फ्रेश नहीं हो पाते हैं. इसका कारण यह है कि जब हम उकड़ू होकर भारतीय टॉयलेट में बैठते थे तो पेट का सारा जोर मल निष्कासन पर होता था. हमारा पेट का सिस्टम ही ऐसा है. उकडू बैठने पर पेट की सारी इन्द्रिया समझ जाती थी कि अब हमें क्या करना है और आज पेट समझ रहा होता है कि अभी तो कहीं पार्क में बैठे हैं. इसीलिए अंग्रेज टॉयलेट में टीवी लगाते हैं, अखबार पढ़ते है क्योकि टॉयलेट करने में टाइम लगता है,.
4. इंग्लिश वाले में पानी की बर्बादी
वेस्टर्न टॉयलेट में जब हम फ्लश करते हैं तो उसमें कई लीटर पानी बर्बाद हो जाता है. भारतीय वाले में तो हम एक लोटे से काम चला लेते थे.
5. वक़्त की बर्बादी है इंग्लिश वाला
हकीकत बात यह है कि वेस्टर्न टॉयलेट सही अर्थों में वक़्त की बर्बादी ही है. घटों बैठे रहो और बीमार बनते रहो. आपको समझना चाहिए कि आप टॉयलेट में जाने पर पूरी तरह से फ्रेश इसीलिए नहीं हो पा रहे हो कि आपका सिस्टम बिगड़ा हुआ है. कभी भारतीय टॉयलेट कुछ दिनों तक लगातार इस्तेमाल करके देखिये.
तो अब आप समझ ही गये होंगे कि अंग्रेजों की बीमारियाँ भारत में कैसे आ रही हैं?
अब जब उनकी चीजें यहाँ आयेंगी तो उसके नुकसान भी आपको उठाने ही पड़ेंगे.