बात उनकी है, जिन्हों ने जूनून से बदली अपनी तकदीर…
जीवन में अगर कुछ पाना है, अगर कुछ बनना है, तो उसके लिए जूनून होना जरुरी है.
जिंदगी में आगे बढ़ने का जूनून, कुछ बनने का जूनून, कुछ करने का जूनून और जो जिद्द है, उसे पूरा करके हांसिल करने का जूनून अगर दिल में है, तो कितनी भी मुश्किल और कोई भी कठिनाइयाँ क्यों ना आये इंसान को कामयाबी मिल ही जाती है.
जूनून एक ऐसी शक्ति या ताकत का नाम है जो असंभव को संभव बना देती है.
आज हम आपको ऐसे ही कुछ लोगो के बारे में बताएँगे, जिन्हों ने अपने जूनून से बदली अपनी तकदीर और वो हासिल किया जो कल्पना से भी बाहर था.
तो आइये जानते हैं उनको जिन्हों ने जूनून से बदली अपनी तकदीर
धीरुभाई अम्बानी
एक आम आदमी जो अपना घर चलाने के लिए पेट्रोल पम्प में काम करता था. व्यापार के लिए बैंक ने लोन देने से इंकार कर दिया. लेकिन अपने सपने को पूरा करने के जूनून ने उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचा ही दिया, जिसे आज पूरी दुनिया देख सकती है.
ए पी जे अब्दुल कलाम
एक गरीब घर में पैदा हुआ. घर चलाने के लिए पेपर बेचते थे. ज़िन्दगी से तंग आकर आत्महत्या करने तक जा पहुंचे. फिर कुछ करने के जूनून ने एक कामयाब वैज्ञानिक बना दिया. भारत के एक ऐसे राष्ट्रपति, जिनको इतिहास सम्मान से याद करता है और करता रहेगा.
बराक ओबामा
बचपन गरीबी और बेबसी में गुजरा. लेकिन जब कुछ पाने का जूनून दिल में आया तो अमेरीका का इतिहास ही बदल दिया. अमेरीका में पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने और आज तक पदाधीन है. उनकी ताकत और काबिलियत से आज पूरी दुनिया परिचित हो गई है.
नरेन्द्र मोदी
एक आम इंसान जिसने अपना बचपन चाय बेचकर बिताया. जेब में पैसे नहीं थे लेकिन राजनीति में आगे बढ़ने का जब जूनून आया तो तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने और आज प्रधानमन्त्री बनाकर देश को एक नई उंचाई पर लेके जा रहे है.
ये सब ऐसे लोग है जिनका पूरा बचपन गरीबी और भूख में बिताया लेकिन इनका अपनी तक़दीर और किस्मत बदलने के जूनून ने इनको एक महान शख्सियत के रूप में स्थापित कर दिया.