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सावधान इस बार भारत के कोने-कोने से आयेंगी मौत की खबर ! 20 राज्य हैं हाई अलर्ट पर

भारत में अकाल

इस साल भारत के लगभग 20 राज्य हाई अलर्ट पर हैं.

यहाँ पर मौतों का सिलसिला शुरू हो चुका है. अभी तक कुछ 500 लोग तो 5 राज्यों में अपनी जान गंवा भी चुके हैं.

सरकार भी अपनी कमर कस चुकी है. क्योकि हो सकता है कि इस बार भयंकर अकाल का सामना देश को करना पड़े. पानी की मारा-मारी, भोजन की कमी और ऊपर से आग उगलता सूरज.

जी हाँ इस बार अप्रैल महीने में ही पड़ रही गर्मी को देखकर बोला जा रहा है कि यह साल भारत के लिए मुसीबतों का साल रहेगा.

अभी अगर पारा 48 से भी ऊपर चला गया है तो अगर आने वाले समय में मानसून जल्दी नहीं आया तो मौत का सिलसिला ऐसा शुरू होगा जो रुकने का नाम नहीं लेगा.

कौन-कौन से राज्य

उत्तर भारत के अलावा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड और आंध्रप्रदेश समेत सभी निचले राज्य हाई अलर्ट पर हैं. अगर भारत कहीं बचा हुआ है तो ऊपरी राज्यों में ही थोड़ा आराम है. लेकिन अगर वहां कुछ गड़बड़ होती है तो यह एक खतरे की बात बोली जा सकती है.

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कई इलाकों में भयंकर सूखा पड़ना शुरू हो चुका है. लोग पानी की एक-एक बूंद की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. यकीन मानिए पानी के लिए कई इलाकों में औरतें और बच्चे सुबह 4 बजे निकलते हैं और दोपहर तक पानी लेकर लौट रहे हैं.

क्या कहना है मौसम विभाग का

मौसम विभाग के महानिदेशक बीपी यादव ने कहा कि गर्मी को लेकर हर पांच दिन में 15 दिनों के लिए चेतावनी जारी की जाएगी ताकि लोगों के जानमाल का कम नुकसान हो. ये जानकारी मौसम विभाग की वेबसाइट पर भी मुहैया होगी.

किस कारण से सूरज इतना गर्म है

मौसम विभाग की मानें तो ज्यादा गर्मी की वजह अल नीनो प्रभाव है. प्रशांत महासागर में पिछले साल पैदा हुए अल नीनो का प्रभाव अभी बना हुआ है. हालांकि वो लगातार कमजोर हो रहा है. मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है अप्रैल से जून तक देश के कई इलाकों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की 76 फीसदी तक संभावना है जिसके चलते इस बार लू की तपिश पूरे देश में रहेगी.

तो ऐसे में सभी को अपना ध्यान खुद रखना होगा.

पानी के कारण या लू के कारण कोई भी बीमारी हो तो उसे नजरअंदाज करने की कोशिश ना करें. गर्मी से जितना बचा जा सके, उतना तो जरूर बचें.

बेवजह बाहर ना निकलें और गर्मीं के देशी नुस्खे इस आपात स्थिति में आपके के रामबाण का कम कर सकते हैं. साथ ही साथ एक महत्वपूर्ण चीज यह है कि अपने साथ-साथ किसानों और गरीबों की भी चिंता करें, हो सके तो उनकी मदद करना बिलकुल ना भूलें.