आपने सोने, चांदी, और कई धातु से बनी ज्वेलरी देखी है.
आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएँगे जहाँ ज्वेलरी लकड़ी से बनाई जाती है.
भारत में एक ऐसी जगह जहाँ के लोग लकड़ी से आभूषण बनाते है और पहनते हैं.भारत देश का एक राज्य छत्तीसगढ़ जहाँ अनेक वन्य सम्पदा खनिज सम्पदा से भरा है. छत्तीसगढ़ का एक जिला बस्तर जो अपने लकड़ी से बनाए जाने वाले कलाकृति से प्रसिद्ध है.
वैसे तो बस्तर, पिछड़े जिले में से एक है, एक आदिवासी बाहुल्य जिला है.
प्रकृति के गर्भ से निकली बस्तर की कला देश और दुनिया की शान हैं. देश का पूरा कला जगत इन्हें बेहद सराहता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बस्तर की कला कुदरती हैं और अनेक पीढ़ियों से अपने मूल रूप में चली आ रही है.
यहाँ की कलाकृति बस्तर के आदिवासीयों की देन है .
बस्तर कलाकृति में जो ज्वेलरी देखने को मिलती है वो अनोखा होने के साथ साथ उपयोगी भी है.
कान में पहनने के लिए तरह -तरह के टॉप्स, रिंग, लकड़ी से सजा कर डिज़ाइन बनाए जाते है. लकड़ी से बने रिंग अलग अलग प्रकार की धातु के साथ मिला कर भी बनाई जाती है.
गले में अनेकों प्रकार के डिज़ाइन से बने गले का हार बनाते हैं इसमें लकड़ी से बने मोती का प्रयोग करते हैं, और लकड़ी के ही पेंडल भी बनाते हैं. गले में पहले जाने वाला यह एक आकर्षित आभूषण होता है. लकड़ी की मोती से साथ अलग प्रकार का गूंज जो बीज की तरह होता है उसका भी प्रयोग करते हैं. लकड़ी से बने मोती को अलग अलग रंगों में रंग कर उस माला को एक नया रूप देते हैं.
लकड़ी से बने ये आभूषण अनेक लुभावनी डिज़ाइन में देखने को मिलते हैं.
इसके अलावा हाथ में पहने जाने वाले ब्रेसलेट भी लकड़ी से बनी डिज़ाइन का प्रयोग देखने को मिलता है. जो अपने आप में अनोखा और बेहद खुबसुरत दिखाई देता है.
बस्तर का क्राफ्ट और लकड़ी से बनी ज्वेलरी पूरी दुनिया में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी हैं.