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इस किल्ले में 45 गैंग रेप हुए मगर किसी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई!

Kajaligarh Gang Rape

एक ऐसी जगह जहाँ 45 गैंग  रेप होने के बाद भी लड़कियों ने एफआईआर तक नहीं लिखाई.

ऐसे में  क्या फ़ायदा औरतों के लिए बने कानून का जब औरतें खुद दोषी को सजा नहीं दिलाना चाहती. समाज के डर से अपराधियों को और अपराध को बढ़ावा दे रही है.

आप जानना चाहते हैं कौन सी है वो जगह जहाँ इतनी सारी लड़कियां रेप का शिकार  होकर भी खामोश रही.

ये लड़कियां क्यों खामोश रही.

एक अखबार में इस बात का खुलासा हुआ था कि इंदौर के एक पर्यटन स्थल कजलीगढ़ नामक क़िले में दो सालों में करीब 45 युवतियां दुष्कर्म का शिकार हुई हैं.

इस बात का खुलासा प्रेमी युगलों को टारगेट कर लूटपाट करने वाले गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी के बाद हुआ था. बताया गया कि एक गिरोह के सदस्यों ने पिछले 2 साल में 45 लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया. लेकिन उनमें से किसी ने  भी पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई.

टूरिस्ट स्पॉट कजलीगढ़ इंदौर से 16 किलोमीटर दूर है.

प्रेमी युगल यहां एकांत की तलाश में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. ऐसे ही प्रेमी युगल को टारगेट कर उनसे हथियारों के दम पर लूट और ज्यादती की जाती थी.

गिरोह के सरगना श्रीराम ने बताया कि पिकनिक स्पॉट पर सुनसान इलाके में प्रेमी युगल नजर आते हैं, तो उन्हें गिरोह के सदस्य घेर लेते थे. प्रेमी को बंधक बना लिया जाता था और प्रेमिका के साथ ज्यादती की जाती थी.

लड़कियों के साथ सामूहिक रेप  के दौरान गिरोह के सदस्य उसकी वीडियो क्लिपिंग भी तैयार कर लेते थे.

प्रेमी-प्रेमिका अपने परिजनों की नजरों से बचने के लिए यहां आते हैं, ऐसे में लूट या रेप की शिकायत करने के लिए वह पुलिस के पास पहुंचते ही नहीं थे.

साथ ही रेप की वजह से बदनामी के डर से भी पुलिस को शिकायत नहीं की जाती थी.

आरोपी श्रीराम के खुलासे के बाद पुलिस ने कुछ पीड़ित लड़कियों की जानकारी जुटाकर उनसे संपर्क किया, लेकिन उन्होंने पुलिस में शिकायत करने से इनकार कर दिया.

कैसा समाज है हमारा, जहाँ भगवान् के प्रेम की पूजा करते हैं मन्दिर बनवाते हैं और अपने बच्चो के प्रेम से नफरत करते हैं.

बच्चे समाज, परिवार, जाति के डर से सुनसान जगह में जा कर रेप का शिकार हो गए  और बेईज्ज़ती  के डर से किसी से कुछ बोलना नहीं चाहते!

अगर ये आधुनिक भारत है तो इससे अच्छा प्राचीन भारत था जिसमे लोग अपने बच्चो को जीवनसाथी चुनने का अधिकार तो देते थे, अपने बच्चो के प्रेम को सम्मान तो देते थे, और औरत के अपमान करने वाले को सजा तो दिलाते थे.