यहाँ पर प्रकृति ने एक दो नहीं बल्कि आठ से दस जल स्रोत ऐसे बनाये हैं जिनमें से हमेशा गर्म पानी आता रहता हैं.
अब आप बोलेंगे कि इसमें कौन-सी नई बात है तो आपको बता दें कि यह पानी इतना गर्म है कि इसमें अगर चावल डाले तो वह पक जाते हैं और अगर अंडे डालें तो वह भी उबल जाते हैं.
कुछ लोगों के गलती से हाथ गर्म पानी में गये तो वह जल गये थे.
तो अब आप समझ ही गये होंगे कि यह पानी कितना गर्म होता है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस पानी को कोई गर्म नहीं कर रहा है बल्कि यह तो खुद से गर्म होकर ही जमीन से निकलता है.
तो आइये पढ़ते हैं कि कहाँ है यह जगह और कैसे आता है यहाँ गर्म पानी
तातापानी की जगह
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 420 किलोमीटर दूर स्थित बलरामपुर जिले में जब आप जाते हैं तो आप यहाँ प्राकृतिक गर्म पानी का कुंड देख सकते हैं.
इस जगह का नाम तातापानी रखा गया है.
यहाँ का पानी इतना गर्म है कि धुआं निकलता रहता है. लोगों का कहना है कि इस पानी को ठंडा कर नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं. दूर-दराज से लोग इसके लिए यहां नहाने पहुंचते हैं. पानी का तापमान कुछ 100 डिग्री तक होता है.
आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन इस पानी में सब्जियां भी उबल जाती हैं और चावल भी पक जाते हैं. अपने आप में यह पानी एक रहस्य बना हुआ है. कुछ लोग इसे धार्मिक मानते हैं तो विज्ञान इसे मात्र एक घटना बताता है.
इस पानी को देखने के लिए साल भर हजारों लोग देश और विदेश से यहाँ आ रहे हैं. गाँव वाले बताते हैं कि यहाँ सालों पहले एक संत रहते थे जिनकी कृपा से ऐसा हो रहा है. वह संत काफी तपस्वी थे और यहाँ से जाते वक़्त उन्होंने गाँव को यह तोहफा दिया था.
कुछ लोग इसे भूत की माया भी बताते हैं
झारखंड और छतीसगढ़ दो ऐसी जगह हैं जहाँ पर भूत-प्रेत की कहानियां आज भी कुछ ज्यादा ही प्रचलित हैं. ऐसी जगह जहाँ जंगल का एरिया पड़ता है वहां तो इस प्रकार की कहानियां ज्यादा ही चर्चा में होती हैं. इसी तरह से तातापानी की घटना को भी कुछ लोग इसी पहलू से जोड़कर लोगों को बताते हैं.
अब सच कुछ भी हो लेकिन तातापानी के गर्म जल को देखकर आप जरूर बोलने पर मजबूर हो जायेंगे कि मेरा भारत भी अजब है गजब है.