बालीवुड के सुपर स्टार कहे जाने वाले आमिर खान ने अपने कार्यक्रम में धर्म सम्बन्धी पक्षपात कर समस्याओं को सामने रखा.
भारत में रहनेवाले हिन्दू या तो मुर्ख हैं या जरुरत से ज्यादा गैरजिम्मेदार जो इतनी ज्यादा आबादी होने के बाद भी किसी चीज का विरोध नहीं करती.
आमिरखान ने अपने कार्यक्रम के दौरान हिन्दुओं की अनेको कुरीति और प्रथा को बुरा बोल कर खूब टी आर पी बटोरी लेकिन क्या किसी ने सोचा है की उसने धर्म के आधार पर ही बाते रखी.
आमिरखान ने सिर्फ हिन्दू धर्म की बाते कही लेकिन इस्लाम धर्म में जो औरतों पर अत्याचार हो रहा है उसपर जिक्र नहीं किया क्यों ?
आज हम बिना भेदभाव किये सिर्फ प्रथाओं पर बात करेंगे…
पर्दा प्रथा / बुरखा प्रथा
हिन्दुओं में पर्दा प्रथा कहा से आया?
क्यों आया? किसकी देंन है ?
आमिरखान ने जब कुरीति की बात कही तो इस्लामी औरतों के बुरखे की बात क्यों नहीं की ?
पर्दा प्रथा हिन्दुओं में नहीं थी. हिन्दू लड़कियों को देवी मानकर पूजा करते थे और औरत को वीरांगना बनने में विश्वाश रखते थे. इस्लामी आक्रमण के बाद भारत हिन्दू औरतों में बलात्कार की समस्या बढ़ गई. जिसके कारण हिन्दू औरतों ने खुद पर्दा प्रथा अपनाई ताकि इस्लामी उनका रंग रूप देख कर वासना का सामान न समझे.
लेकिन इस्लामी औरतों को बुर्खों के लिए उनके इस्लामी धर्म गुरु फ़तवा जारी करते हैं ये बात भी आमिरखान को समस्या नहीं लगी.
मंदिर / मस्जीद
हिन्दुओं में औरतों को किसी भी देवी देवता के मंदिर में जाने की मनाही नहीं है. किसी ग्रन्थ में नहीं लिखा गया की हिन्दू औरते मंदिर में पूजा नहीं कर सकती लेकिन वर्तमान में लोगो ने खुद से मान्यता बना ली और कुछ देवता के मंदिर में जाना वर्जित कर दिया लेकिन इस्लामीयों में औरतों का मस्दिज़ के अंदर जाकर अल्लाह को छूना तो दूर उनके आपस बैठकर माथा टेकने का भी अधिकार नहीं दिया है
लेकिन आमिरखान को ये समस्या, समस्या नहीं लगी.
विवाह / निगाह
हिन्दू पुरुष औरत को छोड़े बिना दूसरी औरत के साथ विवाह नहीं कर सकता लेकिन एक इस्लामी पुरुष एक साथ 3 पत्नी रख लेता है और बिना किसी वजह 3 बार तलाक बोल कर अपनी पत्नी को छोड़ सकते है.
लेकिन इस्लामी औरतों पर हो रहे यह अत्याचार आमिर खान को समस्या नहीं लगी.
हिन्दू धर्म / इस्लामी धर्म
हिन्दुओं की आस्था से शिव पर चढ़ रहे एक ग्लास दूध गलत है लेकिन अनगिनत लीटर दूध देनेवाले गायें जब ईद में, बकरी ईद में और दुसरे मौकों पर बिना वजह काटे जा रहे हैं.
लेकिन ये आमिरखान को समस्या नहीं लगी.
बेटी / जन्मदर
आमिर खान ने बेटी बचाने की बात कही लेकिन इस्लामी जो बेटे के लिए अनगिनत बच्चे पैदा कर रहे हैं और उन बच्चो के लिए अल्पसंख्यक आरक्षण ले रहे है.
लेकिन आमिरखान को ये समस्या नहीं लगी.
आमिरखान ने अपने कार्यक्रम सत्यमेव जयते में समाज का नाम लेकर सिर्फ हिन्दुओं के खिलाफ बोला, समस्याओं के खिलाफ नहीं बोला. अगर समस्याओं के खिलाफ बोलते तो इस्लाम धर्म में औरतों पर ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं ये भी दिखाते और बोलते.
आपने देखा किस तरह से आमिरखान ने धर्म सम्बन्धी पक्षपात करके TRP कमाई और ढेर सारा धन भी कमाया.