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लो अब हो जायेगी राहुल द्रविड़ की इंडियन टीम में वापसी

Rahul Dravid

राहुल द्रविड़ को शायद ही कोई भारतीय ऐसा होगा जो नहीं जानता होगा.

इनको भारतीय टीम का सबसे मजबूत खिलाडी माना जाता था. लेकिन अब आप देखिये कि पिछले कुछ समय से राहुल द्रविड़ को बूढ़ा घोड़ा समझकर नेशनल टीम से ही आउट कर दिया था.

ज्ञात हो कि अभी भारतीय टीम के पास को भी कोच नहीं है.

बीसीसीआई अभी किसी विदेशी नाम की तलाश में इधर-उधर घूम रही है. अब आप बोलेंगे कि इस सब से राहुल द्रविड़ का भला क्या ताल्लुक हो सकता है.

तो अब जरा दिमाग लगाओ और देखो कि अभी राहुल द्रविड़ अंडर 19 के कोच हैं. इस समय अंडर 19 की टीम विश्व कप खेल रही है. विश्वकप में इस टीम का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा है और यह टीम फाइनल तक अपना रास्ता तय कर चुकी है.

जबसे द्रविड़ ने संभाली टीम की कमान

इस बात को अभी तक केवल खिलाड़ी ही बोल रहे थे कि राहुल द्रविड़ का कोच बनना अंडर 19 के खिलाड़ियों के लिए बड़ी बात रही है. लेकिन अब तो काफी मशहूर खिलाड़ी भी बोलने लगे हैं कि राहुल द्रविड़ ने कमाल कर दिया है. टीम जिन क्षेत्रों में कमजोर थी वहां अब कमजोरी नजर नहीं आ रही है. टीम एक नये जोश में दिख रही है.

टीम के प्रदर्शन पर क्या बोला था राहुल द्रविड़ ने

“मेरे खयाल से हमारी टीम ने विश्व कप में शुरू से ही बेहतरीन प्रदर्शन किया है. कई बार हालांकि मुझे लगा कि टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिया, लेकिन कुलमिलाकर टीम का अब तक का सर्वश्रेष्ठ हरफनमौला प्रदर्शन है.”

मुझे बल्लेबाजी को लेकर थोड़ा संशय था, लेकिन यह देखकर अच्छा लग रहा है कि हमने कमियों को पूरा कर लिया और हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. हम अच्छा खेल रहे हैं और हमारा ध्यान सुधार की प्रक्रिया पर है न कि मैच के परिणाम पर. बस इसी तरह नतीजे हमारे पक्ष में आते जा रहे हैं.”

तो क्या नेशनल टीम में मिलेगा कोई स्थान

वैसे सूत्रों की मानें तो कुछ लोग इस बात के पक्ष में हैं कि अगर अंडर 19 टीम विश्वकप जीत जाती है तो राहुल द्रविड़ को ईमान के तौर पर , जिसके वह हक़दार भी है. इनको कोई महत्वपूर्ण पद दिया जाना चाहिए. खुद राहुल द्रविड़ तो इस बात को कहने वाले व्यक्ति नहीं हैं लेकिन इतने अच्छे अनुभव का प्रयोग अगर हम नहीं कर पाते हैं तो यह देश का दुर्भाग्य ही बोला जा सकता है.

तो कुल मिलाकर देखा जाए तो अभी इस बात पर भी विचार हो सकता है कि क्या राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच बना देना चाहिए?

विदेशी लोगों की जगह क्या अब स्वदेशी लोगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए?