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निदा फ़ाजली जैसे शायर मरा नहीं करते – उनके ये लफ्ज़ सीधे रूह को छु जाते है.

nida fazli

कल जगजीत सिंह का जन्मदिन था. 

जगजीत को दुनिया से रुखसत हुए साल हो गए लेकिन आज भी उनकी मखमली आवाज़ ना जाने कितने दिलों को सुकून पहुंचाती है.

कलाकार कभी मरते नहीं है, उनकी कला हमेशा उन्हें जिंदा रखती है.

हिंदुस्तान में आज के दौर में निदा फ़ाज़ली जैसा शायर शायद ही कोई था.

Nida-Fazli

अफ़सोस जगजीत के जन्मदिन के ही दिन निदा फ़ाज़ली ने हम सब से विदा ले ली. 

निदा फाजली के जाने के बात उर्दू शायरी की दुनिया में एक खालीपन सा आ जायेगा जो शायद ही कभी भरा जाएगा.

निदा सिर्फ शायरी या नज्में ही नहीं लिखते थे उनकी लिखी ग़ज़लें भी उतनी ही प्रसिद्द थी. सरफ़रोश फिल्म में जगजीत सिंह की आवाज़ में “होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है” निदा की ही कलम का जादू था.

निदा तो चले गए लेकिन आज हम उनकी लिखी शायरी और नज्मों से रूबरू करवाते है.

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