यूँ तो IIM में काफ़ी सीरियस पढ़ाई-लिखाई की बातें होती हैं लेकिन उनके कुछ इंटरव्यू ऐसे भी रहे जो आपको गुदगुदा जाएँगे!
आईये देखें कुछ ऐसे ही हँसी से लोट-पोट करने वाले सवाल-जवाब!
1) ग्रुप डिस्कशन के दौरान एक स्टूडेंट बहुत ज़्यादा चीख-चिल्ला रहा था और उन दिनों दिल्ली चुनावों के प्रचार में किरण बेदी ने अरविन्द केजरीवाल को “उपद्रवी” का नाम भी दे डाला था! IIM इंटरव्यू के दौरान उस से अचानक पूछा गया:
पैनलिस्ट 1: उपद्रवी गोत्र के हो क्या?
स्टूडेंट: जी माफ़ कीजियेगा, मैं समझा नहीं!
पैनलिस्ट 2 (उसकी मार्कशीट्स देखते हुए): रहने दो इसे समझ नहीं आएगा, दसवीं में हिंदी में कम मार्क्स आये थे!
नतीजा: रिजेक्टेड!
2) पैनलिस्ट 1: क्या आप जानते हो राष्ट्र गान किसने लिखा था?
स्टूडेंट: जी रबीन्द्रनाथ टैगोर ने!
पैनलिस्ट 1: गा के सुनाओ!
स्टूडेंट (खड़े होके): जन गण..
पैनलिस्ट 2: रुक जाओ, वरना हमें भी खड़ा होना पड़ेगा!
नतीजा: रिजेक्टेड!
3) पैनलिस्ट 1: तुम इस कैंपस में क्यों पढ़ना चाहते हो क्योंकि मुझे लगता है कि तुम सिर्फ़ इसलिए एडमिशन चाहते हो ताकि घर जाकर दोस्तों और परिवार वालों के सामने डींगें हाँक सको और बाद में शादी के वक़्त बड़ा सा दहेज़ भी माँग सको! क्यों चाहते हो यहाँ एडमिशन?
स्टूडेंट: सर मुझे दहेज वाली बात के बारे में तो नहीं पता लेकिन अगर जो आप कह रहे हैं सच है तो मैं ज़रूर वापस जाकर फिर से मोल-भाव कर लूँगा!
(पैनलिस्ट हँस-हँस के लोट-पोट हो गया!)
स्टूडेंट: मैं बस यहाँ पढ़ना चाहता हूँ!
नतीजा: सिलेक्टेड
4) पैनलिस्ट 1: लोग ग़रीब क्यों होते हैं?
स्टूडेंट: पता नहीं सर, सॉरी! कोई ऑप्शंस हैं?
पैनलिस्ट 2: अरे पर तुम्हें पता होना चाहिए! उनके पास पैसे नहीं हैं, बस इसीलिए वो ग़रीब हैं!
स्टूडेंट: माफ़ कीजियेगा सर, लेकिन ये तो ग़रीब होने का “मतलब” है, “कारण” नहीं!
पैनलिस्ट 2: (आँखें खुली की खुली रह गयीं!)
पैनलिस्ट 1: वो ग़रीब हैं क्योंकि वो पैसे नहीं कमा रहे इसलिए उनके पास पैसे नहीं हैं!
स्टूडेंट: सर सॉरी लेकिन क्या वो इसलिए ग़रीब हैं क्योंकि वो आलस की वजह से नहीं कमा रहे या वो काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें पैसे नहीं मिल रहे या फिर काम करके पैसा कमाना चाहते हैं लेकिन नौकरी नहीं मिल रही?
पैनलिस्ट 1: तुमने बी.टेक में इकोनॉमिक्स पढ़ी है?
स्टूडेंट: नहीं सर, हमारे हॉस्टल कैंटीन का सुपरवाइजर बहुत ग़रीब है और उसने मैथ्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है!
नतीजा: सिलेक्टेड
5) पैनलिस्ट: लगता है तुम्हें मैथ्स बहुत पसंद है| क्या पसंद है तुम्हें मैथ्स के बारे में?
स्टूडेंट: मुझे नंबर्स यानी कि आंकड़े बहुत पसंद हैं|
पैनलिस्ट: तो बताओ, परम सत्य क्या है?
स्टूडेंट: मुझे कैसे पता सर, मैं तो आम इंसान हूँ! कहते हैं भगवान को ही परम सत्य पता है!
पैनलिस्ट: ठीक है फिर, भगवान को मैथ्स के अनुसार परिभाषित करो|
स्टूडेंट: सर, बस भगवान ही एक है!
नतीजा: सिलेक्टेड
6) पैनलिस्ट: “काओ” यानि गाय को तेरह लेटर्स में बोल के बताओ
स्टूडेंट: सी आ आ आ आ ओ उ उ उ उ उ उ उ!
पैनलिस्ट: (ज़ोर से हँसते हुए) अरे ऐसे होगा: see o double you!!
स्टूडेंट: ये सवाल आई आई एम-कोलकाता में पूछा गया था
7) पैनलिस्ट 1: आप आई आई एम-कोलकाता के बारे में क्या जानते हैं?
स्टूडेंट: “उनकी वेबसाइट पर लिखी जानकारी तोते की तरह पढ़ कर बता दी!”
पैनलिस्ट 2: आई आई एम-बंगलुरु के बारे में क्या जानते हैं?
स्टूडेंट (सकपकाते हुए): जी जी वो देश का बेहतरीन कॉलेज है.. (इसके आगे उसे कुछ नहीं आता था)
पैनलिस्ट 1: तो तुम्हें कोलकाता के बारे में बंगलुरु से ज़्यादा पता है? आई आई एम-बंगलुरु से इंटरव्यू की कॉल नहीं आई?
स्टूडेंट: जी आई है लेकिन वो इंटरव्यू दो हफ़्ते के बाद है!
नतीजा: सिलेक्टेड
8) पैनलिस्ट: तो बताओ अभिषेक, तुम्हारे ईमेल आईडी में “1993” क्यों है?
स्टूडेंट: जी मुझे थोड़ा प्रोफ़ेशनल ईमेल आईडी चाहिए थे पहले के मुक़ाबले!
पैनलिस्ट: तुम्हारा पिछला ईमेल आईडी क्या था?
स्टूडेंट: जी, अभिषेक.परफ़ेक्ट@याहू.कॉम!
पैनलिस्ट: तो क्या अब तुम परफ़ेक्ट नहीं हो?
स्टूडेंट: सर, मेरे तो आस-पास की हवा भी परफ़ेक्ट नहीं है, मैं कैसे परफ़ेक्ट हो सकता हूँ?
नतीजा: सिलेक्टेड!
9) पैनलिस्ट: ट्रायंगल के सभी एंगल्स का जोड़ कितना होता है?
स्टूडेंट: सर इंटीरियर एंगल या एक्सटीरियर एंगल?
पैनलिस्ट: इंटीरियर
स्टूडेंट: 180
पैनलिस्ट: क्या ऐसे दो रेखाएं हो सकती हैं जो समान्तर हों और एक दूसरे को काटें न?
स्टूडेंट: क्या आप फिर से सवाल पूछेंगे?
पैनलिस्ट: बना के दिखाओ मुझे! (कागज़ और पेन देते हैं स्टूडेंट को)
स्टूडेंट: मुझसे नहीं होगा, मुझे रूलर चाहिए!
नतीजा: सिलेक्टेड!
10) पैनलिस्ट: हम तुम्हें ही क्यों सेलेक्ट करें?
स्टूडेंट: क्योंकि मैंने आपको मुझे “ना” सेलेक्ट करने का कोई कारण नहीं दिया!
नतीजा: सिलेक्टेड
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