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गुजरात का अनोखा मंदिर जहाँ हिन्दू करते है एक मुस्लिम की देवी रूप में पूजा!

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आज देश का माहौल इतना बिगड़ा लगता है, मज़हबी तनाव अपने शीर्ष पर है.

धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है,भड़काया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि सब इस धार्मिक उन्माद में पागल हो रहे है. इंसानियत आज भी जिंदा है बस दिखाई नहीं देती क्योंकि समाचार चैनल और सोशल मीडिया के बुद्धिजीवियों की दूकान भी आग लगाने वाली बातों से ही चलती है.

आज हम आपको धार्मिक सौहार्द का ऐसा उदहारण बताने जा रहे है जिसके बारे में जानकार आपको भी लगेगा कि लोग तो भाईचारे से ही रहना चाहते है बस मौकापरस्त लोग जिनमें नेता से लेकर कॉर्पोरेट, समाचार चैनल से लेकर तथाकथित बुद्धिजीवी शामिल है वो लोग ही आग भड़काकर अपनी अपनी रोटियां सेकनी चाहते है.

गुजरात का नाम आते ही लोगो को बस याद आते है 2002 के मज़हबी दंगे. इसका भी एक कारण है. गुजरात दंगे बेचकर आज भी कुछ खास लोगों को कमाई होती है. वैसे ये किस्सा भी गुजरात का है और इतना बेहतरीन भाईचारे का उदाहरण पूरे मुल्क में और कहीं नहीं मिलता.

गुजरात के अहमदाबाद ज़िले से 40 किलोमीटर दूर बसा है झूलासन गाँव. इस गाँव की खासियत यहाँ बना एक मंदिर है. दुनिया में शायद ये ऐसा एकलौता हिन्दू मंदिर है जिसमें एक मुस्लिम औरत की देवी रूप में पूजा की जाती है.

जी हाँ इस मंदिर में डोला नामक महिला की पूजा की जाती है. डोला के बारे में कहा जाता है कि करीब 250 साल पहले इस गाँव पर कुछ  बदमाशों ने हमला कर दिया. डोला ने वीरतापूर्वक उन बदमासों से गाँव की रक्षा की और शहीद हो गयी.

ऐसा कहा जाता है कि डोला का मृत शरीर एक पुष्प में परिवर्तित हो गया था. डोला की वीरता और सम्मान में गाँव वालों ने उस स्थान पर मंदिर का निर्माण किया जहाँ डोला ने अपने प्राण त्यागे थे.

इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है बस एक पत्थर है जिस पर रंगीन कपडा ढका है. इसी कपडे की पूजा की जाती है.

गाँव के समृद्ध लोगों ने यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस मंदिर को भव्य रूप दिया है. मंदिर के इस निर्माण में करीब 4 करोड़ का खर्च आया था.

ये मंदिर जहाँ आज भी हमारे देश के भाईचारे का जीता जागता प्रमाण है वहीँ ये मंदिर उन नफरत के सौदागरों के मुंह पर एक तमाचा है जिन्हें दोनों कौमों में नफरत और घृणा फ़ैलाने के अलावा कुछ नहीं सूझता.

जब तक देश के आम और साधारण लोग इस तरह से एक दुसरे के साथ है टब तक नफरत फ़ैलाने वाली ताकतें कभी सफल नहीं हो सकेंगी चाहे वो कोटना भी झूठ का सहारा ले और दांव पेंच लगाकर लोगों की भावनाएं भड़काए.