बचपन के खेल !
बचपन सब से सुनहरा वक़्त होता है हर किसी के जीवन में!
उन दिनों की शरारतें, खेल, मस्तियाँ चाह कर भी कभी वापिस नहीं आतीं पर हाँ, उनकी याद किसी भी उम्र में आपके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान ज़रूर ले आती है!
आज के दौर में जहाँ बच्चे घर से ज़्यादा बाहर नहीं निकलते, वीडियो गेम्स और स्मार्ट फ़ोन्स पर ही लगे रहते हैं, उन दिनों को याद करना जब हम खुद बच्चे थे और बाहर सड़क पर, मिटटी में, एक-दूसरे के घरों में क्या-क्या खेल खेलते थे सच में एक नयी स्फूर्ति ले आता है!
आओ ज़रा याद दिलाऊँ बचपन के खेल जो हम सभी ने खेले थे!
1) पिट्ठू
याद है, ये वो खेल है जहाँ नए बन रहे घरों से मार्बल यानि कि संगेमरमर के टूटे टुकड़े चुरा के मस्ती होती थी! 8-10 मार्बल के छोटे-छोटे टुकड़ों को एक के ऊपर एक रख दिया जाता, दो टीमें बन जातीं और निशाना होता उस ढेरी को तोडना! बॉल से ढेरी तोड़ी, एक टीम बॉल पकड़ने भागती और दूसरी टीम का काम होता बॉल पकड़ में आने से पहले फिर से ढेरी को तैयार करना! कुछ याद आया?