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क्या खो से गए हैं एकल परिवारों में संयुक्त परिवार?

Indian joint family

दादी की फटकार, उसपर दादा का दुलार, फिर चाचा का लाड, यह कुछ प्यारी बातें होती हैं जो संयुक्त परिवार की जान होती है.

संयुक्त परिवार में रहना अपने आप में एक बड़ा ही प्यारा अनुभव है. एक छत के नीचे सब एक साथ रहते हैं जैसे एक धागे में पिरोई हुई माला हो. दादा-दादी, मम्मी-पापा, चाचा-चाची सभी लोग के साथ रहने का एक अलग ही मज़ा है. कहते हैं कि वह बच्चे जो संयुक्त परिवार में रहते हैं वे ज्यादा मर्मस्पर्शी होते हैं.

Grand father - Grand son

Grand father – Grand son

अगर हम आज की ज़िन्दगी देखें तो संयुक्त परिवारों की संख्या काफी कम हो गई है और यह छोटे शहरों और गांवों में ज्यादा पाए जाते हैं. बड़े शहरों में यह जैसे खत्म से हो गए हैं. इसका एक कारण यह भी है कि कई लोग छोटे शहरों से बड़े शहरों में नौकरी की तलाश में आये हैं जबकि उनके माँ-बाप अपने शहर में ही रह रहे हैं. तो आइये जानते हैं कुछ बातें जो संयुक्त परिवार में रहने से ही जानी जा सकती हैं.

हम में से कई लोगों का बचपन दादा-दादी के प्यार की छायों में गुज़रा होगा. बचपन की कई ऐसी यादे हैं जिन्हें आप याद करेंगें तो अपने आप ही बहुत से ऐसे किस्से हैं जो तुरंत आपके दिमाग में आ जाएंगें और यादें ताज़ा कर देंगे..

रात को सोते समय दादी माँ की कहानियां भी जैसे एक ज़रूरी चीज़ हो गई थी.

Grand mother telling stories

Grand mother telling stories

आज के दौर में एकल परिवारों का चलन ज्यादा बढ़ गया है और जैसा कि ऊपर भी कहा गया हाई की संयुक परिवार आज के समय में कम देखने को मिलते हैं. सयुंक्त परिवारों में सभी लोगों के एक साथ रहने से एक अलग ही प्रकार की चहल कदमी होती है जो पुरे माहौल को जीवंत बना देती है.

इसके साथ जब भी किसी एक पर कोई मुसीबत आ पड़ती है तो सब एकजुट होकर इस दिक्कत का सामना करते हैं. संयुक्त परिवार के बच्चे भी एक तरह से भावनात्मक सहयोग में भी ज्यादा आगे रहते हैं.

एक सबसे अहम् बात यह कि सयुंक परिवार में अकेलेपन से दूर रहा जा सकता है जो कि आज कल के कई एकल परिवारों में देखा जा रहा है. यह दिक्कत खासकर कई बच्चों में पाई जा रही है जिनके माता-पिता दोनों ही कामक़ाज़ी हैं और और ज्यादा समय के लिए अकेले रहते हैं. ऐसे कई बार ऐसा भी होता है कि वे अपने ही परिवार से दूर हो जायें.

बस इन्हीं कुछ कारणों से संयुक्त परिवारों को आज भी एकल परिवारों से ज्यादा तवज्जो दी जाती है. परिवार हमारे जीवन का एक बड़ा ही अनमोल हिस्सा होता है जो पूरी तरह से हमारे व्यक्तित्व विकास में भी अहम् भूमिका निभाता है.