कहते हैं ना कि ‘कद’ है तो ‘कदर’ है।
यहीं बात क्रिकेट में भी फिट होती है। क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई तेज गेंदबाज रहे, जिन्होंने अपने कद और रफ्तार से बल्लेबाजों को हमेशा डराए रखा।
चाहे वेस्टइंडीज के 6 फीट सात इंच के कर्टली एम्ब्रोज हो या फिर हमवतन 6 फीट 6 इंच के कॉर्टनी वॉल्श, इंग्लैंड के 6 फीट 8 इंच के ब्रूस रीड हो या ऑस्ट्रेलिया के 6 फीट पांच इंच लंबाई वाले ग्लेन मैक्ग्रॉथ। इन सभी ने अपने कद का भरपूर फायदा उठाया और अपनी रफ्तार से बल्लेबाजों में खौफ बनाए रखा।
कई बल्लेबाज पहले भी कह चुके हैं कि तेज गेंदबाज की रफ्तार और लाइन-लेंथ सही हो तो उसे खेलना मुश्किल होता है और उसपर से अगर वह लंबा हो तो फिर उसका सामना करना बहुत कठिन होता है। लंबे कद के गेंदबाज को पिच से अच्छा उछाल प्राप्त होता है और यही वजह है कि हर टीम चाहती है कि उसकी टीम में लंबे कद वाला तेज गेंदबाज हो जो बल्लेबाज के लिए सिरदर्द बन जाए।
हम आपको मौजूदा समय के बेहतरीन तेज गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने कद और रफ्तार से बल्लेबाजों की खटिया खड़ी कर दी।
मोहम्मद इरफान-
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज का कद सात फीट एक इंच (216 सेमी) है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की रफ्तार के सामने बल्लेबाज थर-थर कांपते हैं। 2015 विश्व कप में इरफान पाक टीम के सबसे बड़े हथियार थे। चार टेस्ट और 50 वन-डे खेल चुके इरफान को अपने कद और रफ्तार से ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर काफी फायदा मिला। इरफान कूल्हें में चोट के कारण क्वार्टर फाइनल के पहले बाहर हुए और पाकिस्तान की टीम का विश्व कप सफर इसी दौर में समाप्त हो गया।
मोर्ने मोर्केल-
दक्षिण अफ्रीका टीम के प्रमुख हथियारों में से एक मोर्केल बल्लेबाजों के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। छह फीट पांच इंच (196 सेमी) कद वाले गेंदबाज के बारे में कई लोग कह चुके हैं कि पिच भी मोर्केल को सहारा देती है। मोर्केल गेंद को बहुत दम से पटकते है जिसकी आवाज मैदान में बैठे लोगों को महसूस होती है। टेस्ट और वन-डे में क्रमश: 218 व 169 विकेट ले चुके मोर्केल अपनी गेंदबाजी का कहर आंकड़ो से बयान करते हैं। डेल स्टेन के साथ मोर्केल ने दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी को धार दी है।
मिचेल स्टार्क-
छह फीट साढ़े पांच इंच (197 सेमी) कद वाले इस 25 वर्षीय गेंदबाज को अब किसी परिचय की जरूरत नहीं है। 2015 विश्व कप में इस गेंदबाज ने अपने कद और रफ्तार की अहमियत दर्शा दी। यह साफ देखा जा सकता था कि विश्व कप में बल्लेबाजों को स्टार्क के सामने काफी दिक्कतें हुई। 21 टेस्ट में 78 विकेट तथा 41 वन-डे में 83 विकेट लेकर स्टार्क ने बता दिया है कि क्रिकेट सिर्फ बल्लेबाजों का ही खेल नहीं है।
स्टुअर्ट ब्रॉड-
29 वर्षीय इस गेंदबाज को युवी द्वारा छह छक्के खाने के लिए याद रखा जाता है। मगर छह फीट छह इंच (196 सेमी) कद वाले इस गेंदबाज ने पूरी दुनिया में अपनी ख्याति बनाई है। 83 टेस्ट में 308 विकेट तथा 119 वन-डे में 177 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज के आंकड़े ही दर्शाते हैं कि बल्लेबाज के लिए कितना बड़ा खौफ हैं। हाल ही में एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट में ब्रॉड ने मात्र 15 रन खर्च करके आठ कंगारू बल्लेबाजों को आउट किया था। ब्रॉड के कद के सामने विश्व के दिग्गज बल्लेबाज सतर्क हो गए हैं।
जेसन होल्डर-
23 वर्ष की उम्र में वेस्टइंडीज को होल्डर के रूप में नया कप्तान मिल गया। इसकी वजह यह है कि छह फीट सात इंच (201 सेमी) कद वाले इस खिलाड़ी ने ऑलराउंड प्रदर्शन करके अपनी अलग पहचान बनाई। 8 टेस्ट और 33 वन-डे खेल चुके इस गेंदबाज के कद के सामने दिग्गज बल्लेबाज भी पानी भरते हैं। होल्डर ने वन-डे में बहुत ही जल्द 31 की औसत से 50 विकेट हासिल करने के करीब पहुंच गए हैं।
स्टीवन फिन-
छह फीट सात इंच (201 सेमी) कद के इस गेंदबाज ने मौजूदा एशेज सीरीज में कंगारू बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। 26 टेस्ट और 69 वन-डे खेल चुके फिन को कद की वजह से नेचुरल बाउंस मिलता है, जिसके कारण वह बल्लेबाजों के लिए बड़ा सिरदर्द बने हुए है। एजबेस्टन में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को पत्तों की तरह बिखरने के बाद इंग्लैंड को सीरीज में बढ़त दिलाना तो याद ही होगा।
ईशांत शर्मा-
भारतीय टीम में तो यह खिलाड़ी ‘लंबू’ के नाम से ही मशहूर है। छह फीट चार इंच (192 सेमी) कद के इस गेंदबाज ने अपने शुरुआती करियर में तहलका मचा दिया था। विश्व में ईशांत की गेंदों का बोलबाला हुआ था। हालांकि मौजूदा समय में भी ईशांत ने दमदार वापसी करते हुए अपना खोया फॉर्म हासिल कर लिया है। बहरहाल, 63 टेस्ट में 189 विकेट तथा 74 वन-डे में 106 विकेट लेने वाले ईशांत ने 2008 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रिकी पोंटिंग को सबसे ज्यादा परेशान किया था।
जोश हेजलवुड-
छह फीट पांच इंच (196 सेमी) कद वाले 24 वर्षीय हेजलवुड की तुलना अभी से महान गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्राथ से होने लगी है। 2015 विश्व कप हो या फिर एशेज सीरीज हेजलवुड को उनके कद का फायदा मिला और अपनी लाइन लेंथ के सहारे वह बल्लेबाज के लिए बड़ा खतरा बना रहे। हेजलवुड के लिए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में एक रिपोर्ट आ चुकी है कि अगर यह गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया टीम का नियमित सदस्य बना रहा तो निश्चित ही टीम को अगला मैक्ग्राथ मिल जाएगा।