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नन्हा मैराथन धावक ‘बुधिया’ अब कब नज़र आएगा?

Marathon Boy Budhiya

एक माँ गरीबी से परेशान होकर अपने बच्चे को मात्र 800 रूपए में एक फेरी वाले को बेच देती है.

इस माँ की उन दिनों आर्थिक स्थिति क्या रही होगी, इसका अनुमान आप खुद ही लगा सकते हैं.

यही बच्चा आगे चलकर, अपनी बदकिस्मती को, खुशकिस्मती में खुद तब्दील करता है और मात्र 4 साल की उम्र में, 65 किलोमीटर की दौड़ 7 घंटे 2 मिनट में पूरी करता है और अपने नाम रिकॉर्ड दर्ज करता है.

Marathon Boy Budhiya Singh

Marathon Boy Budhiya Singh

इस बच्चे की कामयाबी का सफ़र यहीं नही रुकता है, आगे चलकर ये बच्चा 48 मैरेथन में अपना नाम दर्ज कराता है.

बुधिया का जन्म सन 2002 के अन्दर, एक गरीब परिवार में हुआ. ये कहानी बड़ी रोचक है कि इसकी प्रतिभा विश्व के सामने कैसे आई? जब बच्चे को माँ के द्वारा बेच दिया गया था, तब इसको जूडो के मशहूर कोच बिरंची दास ने गोद ले लिया. बिरंजी जी बताते हैं, कि एक दिन इन्होंने जब बुधिया को सजा के रूप में दौड़ने को कहा, (इसको सजा देने के बाद अचानक से उन्हें कही जाना पड़ा), जब बिरंजी दास वापस आते हैं तो देखते हैं कि बुधिया अभी-भी दौड़ रहा था. यहाँ से शुरू होता है बुधिया का धावक बनने का सफरनामा.

Budhiya's Coach Biranchi Das

Budhiya’s Coach Biranchi Das

वो दिन, मई 2006 में आया, जब तड़के चार बजे पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से अपनी दौड़ शुरू की और सात घंटे और दो मिनट बाद राजधानी भुवनेश्वर पर ये खत्म हुई. लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारी भी इस मौक़े पर मौजूद थे, जिन्होंने इसकी पुष्टि की और बोला कि बुधिया का नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो जाएगा.

इसके बाद बुधिया 48 मैराथन पूरी करता है, जिसमें दिल्ली में दौड़ी गयी, रेस में भी वह आता है. इसके बाद अचानक से राज्य सरकार द्वारा, बुधिया को कोलकाता तक प्रस्तावित 500 किलोमीटर लंबी, मैराथन में भाग लेने पर रोक लगा दी जाती है और यहीं पर इसकी प्रतिभा का अंत कर दिया गया.

Budhiya running

Budhiya running

वैसे बुधिया की कुछ गलतियाँ रहीं, सबसे पहली तो ये कि वो गरीब क्यों पैदा हुआ? दूसरा की उसे कुछ खेलना ही था, तो क्रिकेट या टेनिस खेल लेता. आज हालात ये हैं कि कोच बिरंजी दास की गोलीमार कर हत्या कर दी गयी है और बुधिया गुमनामी की दुनिया में कहीं खो चुका है. उड़ीसा के कई सूत्र बता रहें हैं कि जल्द ही शायद कुछ संस्थाए, इस ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान लाने की कोशिश करने वाले हैं. हर कोई बस ये जानना चाहता है कि नन्हा मैराथन धावक ‘बुधिया’ अब कब नज़र आएगा???

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