क्रिकेट एक मज़ेदार खेल है.
टेस्ट क्रिकेट में मैच 5 दिनों तक चलता है लेकिन फिर भी नतीजा ‘ड्रा’ में आ सकता है, अनिश्चित! क्यों? हुआ ना मज़ेदार. मेरा ख्याल है कि इसी कारण खिलाड़ियों का दिमाग खराब हो जाता है.
अनेक महान खिलाड़ियों ने इस खेल को अपनाया है. कुछ अपनी खेल शैली के सहारे प्रसिद्ध हुए तो कुछ अपनी बार-बार ‘स्लेजिंग’ की आदत के कारण. क्रिकेट का खेल बहुत सारे सलेजिंग के प्रकरणों से भरा हुआ है.
अच्छा, सबसे पहले आपको स्लेजिंग का मतलब बताए देता हूँ.
‘जब कोई एक खिलाड़ी विरोधी टीम के खिलाड़ी का ध्यान, अभद्र और अपमानजनक शब्दों या हरकतों से भटकाने की कोशिश करता है तब माना जाता है कि विरोधी टीम का खिलाडी स्लेजिंग कर रहा है.’
इस सूची में 5 ऐसे स्लेजिंग के प्रकरणों पर प्रकाश डाला गया है जो महान होने के साथ-साथ मज़ेदार भी हैं.
5. स्टीव वॉघ और कर्टली एम्ब्रोस.
किकेट इतिहास के दो महान खिलाड़ी, स्टीव वॉघ और कर्टली एम्ब्रोस, दोनों ने अपने-अपने क्षेत्र में गज़ब ढाए हैं.
कर्टली एम्ब्रोस जो 6 फुट 7 इंच के हैं, स्टीव वॉघ को बार-बार हर गेंद के बाद घूरे जा रहे थे.
एक समय बाद स्टीव वॉघ भन्ना उठे और उन्हें गाली देकर पूछ बैठे कि वह क्यों घूर रहे थे? एम्ब्रोस, जिनसे पहले किसीने इस तरह से बात नहीं की थी, गुस्सा हो गए. बिना कुछ सोचे समझे स्टीव वॉघ ने फिर से एम्ब्रोस को गाली दे दी. खैर एम्ब्रोस ज्यादा किसीसे बात-चीत नहीं करते थे इसलिए उन्होंने स्टीव वॉघ के ऊपर हाथ उठाना ही सही समझा. लेकिन स्टीव वॉघ काफी किस्मतवाले थे कि एम्ब्रोस को वेस्ट इंडीज टीम के सदस्यों ने रोक लिया. इस घटना के बाद स्टीव वॉघ ने फिर कभी एम्ब्रोस को गाली नहीं दी.
4. सचिन तेंदुलकर और अब्दुल कादिर.
क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ी माने जानेवाले सचिन तेंदुलकर पर स्लेजिंग बहुत बार इस्तेमाल की गयी है. लेकिन सचिन हैं कि लगातार करारा जवाब देते रहे हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच में सचिन ने सक़लैन मुश्ताक के ओवर में 2 छक्के जड़े थे. अब्दुल कादिर से यह देखा नहीं गया इसलिए उन्होंने सचिन से कह डाला कि “बच्चों को क्यों मार रहे हो? हमें मार के दिखाओ.” शांत तेंदुलकर का जवाब कादिर को तब मिला जब तेंदुलकर ने कादिर के अगले ओवर में लगातार ४ छक्के और १ चौका जड़ दिया.
मान गए, भला तेंदुलकर पर कहाँ स्लेजिंग का असर पड़ने वाला था!
3. स्टीव वॉघ और पार्थिव पटेल
स्टीव वॉघ हमारी सूची में फिर एक बार आ गए हैं. लेकिन इस बार स्लेजिंग का करारा जवाब देते हुए.
स्टीव वॉघ दुनिया के सबसे महान क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं. उनकी इज्ज़त लगभग हर कोई करता है लेकिन यह बात भारत के पार्थिव पटेल के भेजे में नहीं घुस पाई.
जब स्टीव वॉघ अपने आखिरी टेस्ट मैच में बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तब पार्थिव पटेल ने विकेट-कीपिंग करते हुए कहा, “बस आखिरी बार तुम्हारा स्लॉग स्वीप, उसके बाद तुम ख़त्म.” इसके जवाब में स्टीव वॉघ ने कहा, “मेरी इज्ज़त करो क्योंकि जब मेरा डेब्यू हुआ था, तुम लंगोट पहने हुए अपना अंगूठा चूस रहे थे.”
पार्थिव पटेल इसके बाद कुछ बोल ही नहीं पाए.
2. रॉड मार्श और इअन बोथम
स्लेजिंग से सम्बंधित कोई भी सूची, ‘एशेज’ में हुए मैचों के बिना बिलकुल अधूरी है.
इअन बोथम और रॉड मार्श एक बहुत ही प्रसिद्ध स्लेजिंग प्रकरण में शामिल थे.
जब इअन बोथम बल्लेबाज़ी करने पिच पर पहुंचे, रॉड मार्श ने बोथम का स्वागत एक बड़े ही भद्दे सवाल से किया. सवाल था, “तुम्हारी बीवी और मेरे बच्चे कैसे हैं?”
इसका जवाब इअन बोथम ने अपनी बल्लेबाज़ी की तरह दिया. ‘धुएँदार’. बोथम ने कहा “बीवी तो ठीक है लेकिन बच्चे पागल हैं.”
रॉड मार्श का मुह छोटा हो गया.
1. जावेद मियांदाद और मर्व ह्यूघ्स.
जावेद मियांदाद स्लेजिंग के लिए काफी प्रसिद्ध हैं. लेकिन मर्व ह्यूघ्स भी कोई कम नहीं!
जावेद मियांदाद ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच हो रहे एक मैच में मर्व ह्यूघ्स को एक मोटा भद्दा बस कंडक्टर कह डाला था. कुछ गेंदों बाद मर्व ह्यूघ्स ने जावेद मियांदाद का विकेट ले लिया और जश्न मनाते-मनाते जावेद मियांदाद के सामने जाकर ज़ोर से चिल्लाए, “टिकेट प्लीज़!”
यह घटना क्रिकेट की दुनिया में काफी प्रसिद्ध है.
यह सूची थी उन मज़ेदार स्लेजिंग प्रकरणों की जो क्रिकेट खेल के नियमों के दायरे में रहकर किये गए हैं.
स्लेजिंग एक हद तक ठीक है लेकिन जब पारा चढ़ जाता है तब स्लेजिंग एक जुर्म माना जा सकता है.
हम दुआ करते हैं कि इस क्रिकेट विश्व कप में भारत को स्लेजिंग के कारण हुई किसी भी तरीके की दिक्कत ना हो!
और अगर स्लेजिंग हुई तो १२० करोड़ लोगों की बद्दुआओं की दहाड़ सुनने को मिलेगी.