किशोरावस्था उम्र का एक अलग ही प्रकार का पड़ाव होता है.
यह उम्र ही कुछ ऐसी होती है जब आप हर पल एक नए अनुभव की ओर बढ़ते हैं. वो कहते हैं न, ‘जवानी का जोश’, मन एक बात पर न टिक कर . जी हाँ, इसी उम्र में एक किशोर, मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक बदलाव से गुज़रता है.
इस दौरान शरीर का हार्मोनल लेवल तेज़ हो जाता है और हमार खायातों में अचानक बदलाव आता है. इस वक़्त साथियों का दबाव या पीयर प्रेशर भी किशोरों पर पड़ता है.