दरिंदगी से भरी इस घटना के बारे में क्या कह सकते हैं कि एक माँ ही अपने दूधमुहे बच्चे का खून पीकर उसकी मौत की वजह बन सकती हैं.
ये दिल दहला देनी वाली घटना बिहार के बांका जिले में हुई हैं.
एक माँ अपने परेशानियों से छुटकारा पाने के चक्कर में वो कर बैठी जो एक माँ से कभी उम्मीद नहीं किया जा सकता हैं.
बिहार के बांका जिले की रहने वाली ये महिला कई दिनों अपने घर की परेशानी और अपनी बीमारी से तंग आ कर इस परेशानी के हल के लिए एक तांत्रिक से मिली थी.
उस तांत्रिक ने इस महिला को सलाह यह दि कि अपने बच्चे का खून पी ले, तेरी सारी परेशानियाँ दूर हो जाएगी.
बांका की इस महिला ने तांत्रिक की बात पर यकीन कर लिया और शुक्रवार की सुबह पूजा करने के बाद जब घर में कोई भी नही था उस वक़्त आँगन में अपने बच्चे के पेट और गर्दन में दांतों से काँटा और उसका खून पिने लगी. कुछ ही देर में जब बच्चे के शरीर से बहुत ज्यादा मात्रा में खून बह गया तो उसकी वहीँ मौत हो गयी. अपने बच्चे की मौत और उसके खून को देख कर वह महिला वहीँ आँगन में बेहोश हो कर औंधे मुह गिर गयी.
इस पूरी घटना के बाद पड़ोस की कोई महिला किसी काम से इस महिला के घर आई और आँगन में फैले खून, उस बच्चे की लाश और बेहोश पड़ी उस महिला को देख कर शोर मचाने लगी. गाँव की इस महिला के इस तरह से शोर मचाने से गाँव के और लोग भी घर में इकठ्ठा होने लगे. उन्हीं गाँव वालो में से किसी ने पुलिस को भी इस घटना की सुचना दी. पुलिस के आते ही उस मृत बच्चे की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और बेहोश पड़ी उस माँ को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
इस पूरी घटना के बाद दिल्ली में रह कर काम करने वाले उस महिला के पति नागेन्द्र राय को भी इस पूरी घटना की जानकारी दी गयी. गाँव वालो से बात करने पर ये ज्ञात हुआ कि जिस महिला ने बांका जिले के कैरी गाँव में इस घटना को अंजाम दिया हैं वो पहले से ही विक्षिप्त हैं और इस बात की जानकारी सभी लोगों को थी.
लेकिन इस पूरी घटना के बाद उस तांत्रिक के क्या हुआ इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता हैं न ही गाँव वालो ने इस बारे में कोई बात करी न ही बांका जिले की पुलिस ने इस सिलसिले में कोई जानकारी दी हैं.
पर सवाल ये हैं कि 21वीं सदी के भी आगे निकल चुके भारत में आज भी इस तरह के अंध-विशवास इतनी बुरी तरह अपनी जड़ बनाये हुए हैं कि हम सब उसके आगे बेबस नज़र आते हैं.