प्यार की कोई भाषा नहीं होती
खासकर जब प्यार हो मासूम.
प्यार का सबसे बेहतरीन रूप होता है इंसान और जानवर के बीच का प्यार.
क्योंकि इसमें कोई स्वार्थ नहीं होता, न ही कोई छल कपट, ना कोई भेद भाव .
ये बात वो लोग बखूबी समझते है जिन्होंने कभी किसी जानवर को पाला हो.