ब्रह्मचारिणी
माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा नवरात्र के दुसरे दिन की जाती है. शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए गहन तपस्या करने की वजह से दुर्गा के इस रूप का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. विद्यार्थियों को इस रूप की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.