क्या आप जिंदगी से परेशान हैं?
आपके बिगड़े काम नहीं बन पा रहे हैं?
मुश्किलें हर मोड़ पर आपको घेर रही हैं?
तो अब मार्च 2016 में आने वाली 7 तारीख एक शुभ मुहूर्त के साथ आ रही है. इस तारीख को महाशिवरात्रि का पर्व है जो भारत में एक बड़ा धार्मिक महत्त्व रखता है.
महाशिवरात्रि का पर्व प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. वैसे एक हर माह मासिक शिवरात्री भी आती है किन्तु उसका महत्त्व उतना नहीं है जितना इस शिवरात्री का है. सत्वगुण, रजोगुण तथा तमोगुण तीनों गुणों में से तमोगुण की अधिकता दिन की अपेक्षा रात्रि में अधिक है. इस कारण भगवान शिव ने अपने लिंग के प्रादुर्भाव के लिए फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की मध्यरात्रि को चुना.
शुभ महूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 13:20 दोपहर (7 मार्च को)
चतुर्थी तिथि अंत- 10:34 सुबह (8 मार्च)
निशिता काल पूजा-रात्रि 00:06 से 00:56 (8मार्च 2016 को)
कुछ लोग 8 मार्च को भी शिव रात्रि पूजन करेंगे लेकिन महान रात्री होने की वजह से आप 7 मार्च की रात्रि 7 बजे के बाद जरुर शिव भगवान की पूजा अर्चना करें. तब उसके बाद व्रत खोलें.
शास्त्रों के अनुसार पूजा:-
महाशिवरात्री के दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव के दर्शन और उनका अभिषेक बहुत जरुरी बताया गया है.
मंदिर की पूजा इसलिए जरुरी होती है क्योकि वहां की प्रतिमाओं में प्राण होता है. अगर आपने घर की शिव प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करा रखी है तो आप वहां भी पूजा करा सकते हैं. भगवान भोले नाथ अत्यधिक प्रसन्न होते है, जब उनका पूजन बेल- पत्र आदि चढाते हुए किया जाता है. व्रत करने और पूजन के साथ जब रात्रि जागरण भी किया जाये, तो यह व्रत और अधिक शुभ फल देता है. इस दिन भगवान शिव की शादी हुई थी, इसलिये रात्रि में शिव की बारात निकाली जाती है.
सभी वर्गों के लोग इस व्रत को कर पुन्य प्राप्त करते है.
साथ ही साथ ॐ नमः शिवाय का जप भक्त को कम से कम 108 बार जरूर करना चाहिए.
अगर आप बहुत बीमार हैं या घर में बड़ी परेशानी है तो आप 108 बार ॐ नमः शिवाय और साथ ही साथ महा मृत्युंजय मन्त्र का जप कम से कम 1000 बार करें.
यह एक तपस्या के समान ही होगा और निश्चित रूप से आपकी समस्याओं का खात्मा भी होगा.
कैसे करते हैं व्रत:-
महाशिवरात्रि का व्रत हर व्यक्ति कर सकता है.
आप अमीर हैं या गरीब इससे शिव भगवान को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
आप बस ध्यान दें कि व्रत और पूजन विधि का पालन सही से करें. सुबह जल्दी उठें और नहाकर सूर्य नमस्कार एवं तुलसी जो को पानी दे. घर के मंदिर में दीया जलायें और फिर मन्त्र पूजा करके, मंदिर में शिव जी को अभिषेक करें और मंदिर में शिव भगवान से अपने लिए उनके आशीर्वाद की इच्छा प्रकट करें.
आप गर इस दिन यज्ञ आयोजन करा सकते हैं तो आपके लिए शुभ हो सकता है.
आप व्रत रखें और रात में पूजा कर व्रत को खोलें. इस दिन आप ध्यान रखें कि रोज की तरह पाप और छल से दूर रहें. आपको अगर बोला जाए कि जीवन नहीं बोलना है तो यह मुश्किल होगा, लेकिन कम से कम इस दिन तो आप झूठ ना ही बोलें. कमजोर लोगों को दान करें.
अगर इस विधि से भी व्रत करने में असमर्थ हों, तो पूरे दिन भी व्रत न करके भी सांयकाल में भगवान शिव का पूजा- अर्चना करना शुभ रहता है.