लड़की का रेप – हमलोग एक ऐसे देश में रहते हैं जो गंगा-जमुना की तहजीब की बात हमेशा कही जाती है। हमारे देश में देवियों की पूजा होती है। नारी का बहुत सम्मान किया जाता है और भाई हर रक्षाबंधन के दिन अपने बहन के पैर छूता है।
ये सारी बातें इंडिया के बार में हर जगह कही जाती हैं और लिखी जाती हैं।
लेकिन… सच्चाई कुछ और है।
यहां हर दिन हर लड़की छेड़खानी का शिकार होती है। बीस मिनट में एक लड़की का रेप होता है। और बच्चे तो कहीं सुरक्षित नहीं है। 2016 में एक लाख से अधिक बच्चों का यौन शोषण हुआ।
लड़की का रेप –
लड़कियों का रेप तो उनके छोटे कपड़े पहनने और लेट नाइट घर से बाहर रहने के वजह से होता है। Oooo… really !!
तो फिर इस 11 साल की लड़की का रेप क्यों हुआ जो अब भी बच्ची की कैटेगरी में आती है और गुड़िया से खेलती थी। हाल ही में गुजरात में एक 11 साल की लड़की के मां बनने की खबर मैंने पेपर में पढ़ी थी। जिसके बाद मैं हतप्रभ रह गई थी की हम कौन से देश में रह रहे हैं और हमारा देश कहां जा रहा है। ऐसी ही कुछ खबर आजकल दिल्ली में भी चल रही है। दिल्ली के ऐल्कॉन स्कूल की छात्रा ने अपने टीचर द्वारा लगातार किए जा रहे यौन शोषण के कारण जान दे दी। ये छात्रा नौंवी कक्षा में पढ़ती थी।
इस पर बाद में बात करते हैं… पहले इस 11 साल की लड़की के बारे में बात करते हैं। क्योंकि इसकी कहानी जानकर आपके आंखों से आंसू निकल जाएंगे।
गुजरात में 11 साल की बच्ची बनी मां
ये खबर तीन दिन पहने गुजरात से आई थी। राजकोट के सरकारी अस्पताल में 17 मार्च को एक 11 साल की बच्ची ने एक बच्ची को जन्म दिया। यह खबर indian express में छपी थी। इस बच्ची का 6 आदमियों ने 8-9 महीनों तक रेप किया था।
8 से 9 महीनों तक रेप होने का मतलब आप समझते हैं। … वो भी बच्ची का।
ये है हमारा समाज।
तीन रेपिस्ट 60 साल से ज़्यादा
लेकिन इस हैरान करने वाली खबर से भी ज्यादा हैरान करने वाली खबर यह है कि इन 6 दरिंदों में तीन 60 साल से ज़्यादा उम्र के आदमी थे। फिलहाल इस बच्ची की हालत बहुत नाज़ुक है और उसका ज़िंदा बचना मुश्किल है।
ऐसे में क्या कहा जाए? कहां जा रहा है अपना देश और कैसे बच्चे होंगे सुरक्षित?
इस बच्ची के खेलने की उम्र में रेप हुआ। वो भी एक-दो बार नहीं बार-बार हुआ। 8-9 महीनों तक लगातार वो भी 6 लोगों ने किया। इन 6 रेपिस्ट में तीन 60 साल से ज़्यादा उम्र के थे। जो कि किसी के दादा या नाना भी होंगे। ऐसे में वो अपने नाती-पोतों से कैसे नज़र मिलाएंगे।
कहां गए वे लोग जो लड़कियों के कपड़ों को बनाते थे मुद्दा
अब सोचने वाली बात तो यह है कि वे लोग अब कहां गए जो रेप होने पर लड़कियों के कपड़ों या उसके घर देर से आने को मुद्दा बनाते थे। और फिर बयानबाजी करते थे कि छोटे कपड़े पहनेंगे तो रेप होंगे ही।
छह महीने की बच्ची की रेप होता है। लेकिन कोई आवाज नहीं उठाता। पिछले दिनों खबर आई थी कि 2016 में एक लाख से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण हुआ था। अब बच्चे तो बच्चे होते हैं। उन्हें तो मालूम ही नहीं चलता कि उनके साथ क्या हो रहा है। अगर समझ आ भी रहा होगा तो वे आवाज उठाए कैसें? क्योंकि सुनने वाला तो कोई है ही नहीं। लेकिन रेप करने वाले बहुत लोग हैं।
लड़की का रेप – तभी तो खबरों में नौ से दस रेप की घटनाएं पूरे दिन में होती ही हैं। तो आप भी इन खबरों को पढ़ते रहिए … क्योंकि इससे ज्यादा आप कुछ नहीं कर सकते। हम लिखते रहते हैं… क्योंकि इससे ज्यादा हम कुछ भी नहीं कर सकते।
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