६. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’.
सूर्यकांत त्रिपाठी जी का जन्म १८९६ में मिदनापुर, बंगाल में हुआ और मृत्यु १९६१ में इलाहाबाद में हुई. वे एक कवी, उप्न्न्यास्कार और कहानीकार थे. लोग कहते हैं कि निराला जी हिंदी साहित्य के सबसे महान लेखक हैं. उन्होंने हिंदी कविताओं में मुक्त छंदों(free verse) की शुरुआत की. छायावादी लेखकों में सबसे महान निराला जी से आज भी कई लोग वंचित हैं यह बहुत दुःख की बात है. वे अनेक भाषाओं में विशेषज्ञता रखते थे. संस्कृत उनकी सबसे मनपसंद भाषा थी.
जानकर वाकई में बहुत कोफ़्त होती है कि आज का पाश्चात्य भारत इन महान लेखकों और कवियों से अज्ञात है. ज़िन्दगी की मौलिक सच्चाई में डुबोए इनके लेख मीठे को पसंद करनेवालों के लिए चाशनी का काम करते हैं. इनके लिखे उपन्यासों, कहानियों और कविताओं में हिंदी भाषा का सार मौजूद है. अगर हमें अपने महान हिंदी साहित्य का ज़रा भी ख्याल है तो इन लेखकों की लिखी चीज़ें पढना या कम से कम उन्हें जानना ज़रूरी है.