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2000 का नया नोट तो आपने देख लिया ! अब देखिए 5,000 और 10,000 रुपये के ये नोट !

5000 और 10000 रुपये के नोट

देश के प्रधानमंत्री मोदी ने काले धन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सबसे पहले 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी.

मोदी के इस एक फैसले ने न जाने कितनों की रातों की नींद और दिन का चैन हराम कर दिया.

मोदी के इस फैलने ने काले धन को संजोकर रखनेवालों समेत आम लोगों के जीवन में उथल पुथल मचा दिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2000 रुपये के नोट मार्केट में आने पहले भारत में कभी 5000 और 10000 रुपये के नोट प्रचलन में हुआ करते थे.

जी हां, 5000 और 10000 रुपये के नोट के प्रचलन में होने की बात शायद ज्यादातर हिंदुस्तानियों को पता ही नहीं होगी. लेकिन ये सच है भारत में एक दौर ऐसा भी था जब 5000 और 10000 रुपये के नोट लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हुआ करते थे.

तो चलिए आज हम आपको बताते हैं 5000 और 10000 रुपये के नोट से जुड़ी ये दिलचस्प बातें.

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भारत में चलते थे 5000 और 10000 रुपये के नोट

भारत में 10 हजार रुपये के नोट आजादी से पहले काफी प्रचलन में हुआ करते थे. भारत में पहला 10 हजार का नोट 1 जनवरी 1928 से जून 1929 तक चला. इन नोटों को नासिक में पहली बार छापा गया था.

इससे पहले ब्रिटेन में नोट छपा करते थे. इन्हें जनवरी 1946 में बैन कर दिया गया. इसके बाद भारत में नोटों का प्रचलन 1954 से 1978 तक रहा.

बताया जाता है कि सन 1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने 10 हजार रुपये के नोट को छापा था. इसी साल रिजर्व बैंक ने पहली बार पेपर करेंसी छापी.

सन 1954 में एक बार फिर 5000 और 10000 रुपये के नोट छापे गए थे. लेकिन सन 1978 में 10 हजार और 5 हजार के नोट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया.

notes

गौरतलब है कि 5000 और 10000 रुपये के नोट के बंद होने के बाद भारतीय करेंसी में कई बदलाव भी आए. अब मोदी ने 2000 के नए नोट मार्केट में उतारकर 500 और 1000 के नोटों को बैन कर दिया है.

लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि 2000 रुपये का यह नया नोट भारत की सबसे बड़ी करेंसी है बल्कि इससे पहले भी 5000 और 10000 रुपये के नोट भारत में चलते थे.