क्या दोस्ती प्यार में बदल सकती है??
या कहीं ऐसा तो नहीं आप अपने दोस्त से प्यार करने लगे है लेकिन इज़हार नहीं कर पा रहे?
ऐसा अक्सर होता है की हम अपने दोस्त को ही चाहने लगते है, कभी कभी तो हमें खुद भी समझ नहीं आता कि ये दोस्ती है या प्यार.
कभी ऐसा भी होता है कि हम चाहते है कि हमारी दोस्ती प्यार में बदल जाए.
आइये आज आपको बताते है ऐसे तरीके जिनसे आप जान सकते है कि क्या आपके दोस्त के मन में भी वही है जो आपके दिल में चल रहा है?
अपने दोस्त के साथ कोई शारीरिक क्रियाकलाप करें
शारीरिक क्रियाकलाप का मतलब गलत ना समझें, यहाँ बात सेक्स की नहीं जिम,दौड़ या फिर खेल कूद की हो रही है.
साथ साथ ऐसे क्रियाएँ करने से एक अलग रिश्ता बनता है. इसके अलावा जब हम कोई शारीरिक क्रिया करके थक जाते है तो उस समय शरीर से स्त्रावित होने वाले होरमोंस की वजह से प्यार की भावना आती है. यदि आपका दोस्त भी आपको चाहता है तो इस प्रकार की क्रियाकलाप साथ साथ करने से आपको समझ में आने लगेगा कि वो भी आपे उतना ही प्यार करते है जितना आप उनसे.
दोस्ती में शारीरिक फायदा उठाने की कोशिश ना करे
ऐसा अक्सर होता है कि हम कभी कभी शारीरिक ज़रूरतों को ही प्यार समझ लेते है. या फिर ऐसा भी होता है कि शारीरिक ज़रूरतें पूरी करने के लिए हम अपने दोस्त का सहारा लेना चाहते है. ये सोचकर कि दोस्त को हम जानते भी है और किसी बात का खतरा भी नहीं है.
लेकिन ये गलत है. सिर्फ शारीरिक ज़रूरत पूरी करने के लिए दोस्त का उपयोग करना सही नहीं है. आपको पहले तय करना होगा कि आप सम्बन्ध शारीरिक ज़रूरतें पूरा करने के लिए बना रहे है या आप अपने दोस्त से प्यार करते है?
करीब आने की कोशिश करें
यदि आपको लगता है कि आपके दोस्त के अंदर भी आपके लिए उसी प्रकार की भावनाएं है जैसी आपकी उनके लिए है तो अपने दोस्त के करीब आने की कोशिश करें. दोस्ती के अलावा उससे दूसरी बातें भी करें. उन्हें अहसास दिलाये कि आपकी जिंदगी में उनकी अहमियत अब एक दोस्त से बढ़कर हो चुकी है.
हल्का फुल्का शारीरिक स्पर्श भी अच्छा होता है संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए. लेकिन एक सीमा तक, ऐसा नहीं कि करीब आने के लिए शारीरिक सम्बन्ध बना लिए और फिर पता चला कि आपका दोस्त आपसे प्यार नहीं करता उसके लिए सिर्फ आप एक दोस्त हो.
आँख बंद करके उनकी हर बात पर हाँ में हाँ ना मिलाये
ये एक बहुत सामान्य गलती है जो अक्सर लोग करते है. दोस्ती में एक दुसरे की बातों झगड़ा कर सकते है लेकिन जैसे ही बात दोस्ती और प्यार के बीच उहापोह की स्थिति की आती है तो लोग कभी कभी अजीब व्यवहार करने लगते है.
इनमे सबसे सामान्य होता है हर बात में हाँ में हाँ मिलाना. ऐसी गलती कभी भी नहीं करनी चाहिए, यदि ऐसा करेंगे तो हो सकता है कि आप अपने दोस्त से दूर हो जाएँ. यदि आपके दोस्त के मन में भी आपके लिए प्यार की भावनाएं है तो वो आपको उसी रूप में चाहता है जैसे आप है. उन्हें खुश करने के लिए खुद को बदलें नहीं.
ज़बरदस्ती प्यार थोपने की कोशिश ना करें
ये भी बहुत बार होता है कि ऊपर बताये गए तरीके आजमाने के बाद आपको पता चलता है कि प्यार की भावना केवल आपने मन में है और आपका दोस्त सिर्फ आपसे दोस्ती का ही रिश्ता रखता है.
जब इस बात का पता चलता है तो बहुत बार हम अपना प्यार जताने की कोशिश करते है और चाहते है कि वो हमारी भावनाओं को समझे और हमें भी उसी तरह प्यार करे जिस प्रकार हम उन्हें करते है.
लेकिन ये समझना बहुत ज़रूरी है कि ऐसा संभव नहीं है. आप प्यार करते है इसका मतलब ये नहीं कि आप उनको भी प्यार करने पर मजबूर करेंगे. ऐसा करने पर हो सकता है कि प्यार का दिया तो जले नहीं पर दोस्ती की डोर ज़रूर टूट सकती है.
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