भारतीय क्रिकेट टीम लगभग पिछले पांच महीनों से ऑस्ट्रेलिया में खेल रही है. इस दौरे पर पहले हम ऑस्ट्रलिया से पहले टेस्ट सीरीज हार चुके हैं.
इसके बाद त्रिकोणीय सीरीज भी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से हार गये. ऐसा लग रहा था कि टीम का यह सबसे खराब दौर चल रहा है. आलोचक, टीम के कप्तान धोनी पर भी ऊँगली उठा रहे थे और बाकी खिलाड़ियों की खराब फॉर्म पर भी.
विश्वकप से पहले यह भी बोला जा रहा था कि टीम इंडिया पहले ही राउंड से बाहर होकर देश वापस लौट आएगी. लेकिन अचानक से ऐसा क्या चमत्कार हुआ कि वही टीम इंडिया सबके सामने चुनौती पेश कर रही है और अब तो विश्वकप के प्रबल दावेदारों में से एक है.
टीम इंडिया अब तक लगातार पांच मुकाबले जीत चुकी है। भारतीय टीम पहले ही क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है. भारतीय टीम ने सबसे पहले पाकिस्तान को 76 रनों से हराया. इस मैच में टीम ने 300 रन बनाये थे. अगले मैच में साउथ अफ्रीका को 130 रनों से हराकर रिकॉर्ड बनाया. यूनाइटेड अरब को 9 विकेट से मात दी, चौथे मुकाबले में वेस्टइंडीज को 4 विकेट से धराशाही किया और ग्रुप मैच के पांचवे खेल में आयरलैंड को 8 विकेट से हरा, भारतीय टीम अपने नाम एक रिकॉर्ड भी लिखवा चुकी है.
आइये अब नज़र डालते हैं कि वो कौनसी वजह रही हैं जिनके कारण इन्डियन टीम ये कारनामा कर पाई है-
1. टीम में बनी एकता
विश्वकप से पहले हमारी टीम एक दम टूटी हुई लग रही थी. मीडिया में कप्तान और उपकप्तान के बीच हुई, कुछ मनमुटाव की ख़बरें भी आ रही थी. आप यह देख सकते हैं कि जब यही टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रही थी तो ये अनबन टीम में झलक भी रही थी. वैसे पाकिस्तान से हुआ, पहला मैच टीम के लिए वरदान बनकर आया और टीम इंडिया को एकजुट करने में, इसने अहम भूमिका निभाई.
2. भारतीय गेंदबाजों का बेहतरीन प्रदर्शन
इस बार विश्वकप में भारतीय गेंदबाजों ने एक टीम के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पांच मैचों में 50 विकेट लिये हैं. आर अश्विन और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने तो अपनी गेंदबाज़ी से सबको आश्चर्यचकित किया है. अश्विन अब तक 11 और शमी 12 विकेट ले चुके हैं. जबकि उमेश यादव, मोहित शर्मा और रविन्द्र जडेजा ने भी सामने वाली टीमों को अच्छा-खासा परेशान किया है. यही नहीं गेंदबाजों का इकॉनामी रेट भी शानदार रहा है। सबसे महंगे रविन्द्र जडेजा साबित हुए हैं. भारतीय गेंदबाजों का यही प्रदर्शन, इन जीतों में अहम कारण रहा है.
3. भारतीय बल्लेबाजों का फार्म में वापस आना
विश्व कप से पहले, हमारी टीम के बल्लेबाज फॉर्म में नहीं थे. विराट कोहली को छोड़ कोई भी कुछ ख़ास नहीं कर पा रहा था. हमारे दोनों शुरूआती खिलाड़ी बल्ले से कुछ ज्यादा रन बना नहीं रहे थे. अजिंक्य रहाणे एक लम्बी पारी में, अपनी पारी को तब्दील नहीं कर पा रहे थे. रैना आते थे और चले जाते थे. लेकिन विश्व कप में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी समेत सभी शीर्ष सात बल्लेबाज कम से कम एक अच्छी पारी खेल चुके हैं।
4. भारतीय कप्तानी
जहाँ विश्वकप से पहले महेंद्र सिंह धोनी पर लोग आरोप लगा रहे थे, उनकी कप्तानी पर उंगलिया उठा रहे थे, उसी कप्तान ने अपनी कप्तानी से सबको हैरान कर दिया है. धोनी का हर फैसला सही जा रहा है. सारी टीम को इन्होनें एकजुट कर रखा है और टीम में हमेशा नया जोश और जुनून डालते देखा जा सकता है. धोनी की कप्तानी की चर्चा अब चारों ओर हो रही है.
5. कोचिंग डायरेक्टर रवि शास्त्री
भारतीय टीम के इतने शानदार प्रदर्शन के पीछे कोचिंग डायरेक्टर रवि शास्त्री की कड़ी मेहनत साफ़ नज़र आ रही है. ज्ञात हो कि कोचिंग डायरेक्टर रवि शास्त्री टीम से अभी हाल ही में जुड़े हैं और विश्वकप में खिलाड़ियों की फॉर्म वापसी में इनका मुख्य हाथ है. हर खिलाड़ी से अलग-अलग बात करना, टीम की अंदुरुनी कलह को नियंत्रित करना, खिलाड़ियों में आत्मबल पैदा करना और हर किसी को टीम में उसकी भूमिका से अवगत कराना. ऐसे ही कुछ मुख्य काम इन्होनें किये और टीम इंडिया को इतनी बेहतरीन टीम बनाकर खड़ा कर दिया है.
हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय टीम का यह प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा और पिछली बार की तरह इस बार भी विश्वकप हमारे ही देश आएगा.