शादी ना सिर्फ एक खबसूरत एहसास है बल्कि ये दो लोगों को प्यार के पवित्र डोर से सात जन्मों के लिए बांधकर रखता है. बेशक पति-पत्नी के रिश्ते को दुनिया के चंद खूबसूरत रिश्तों में से एक माना जाता है.
हालांकि हिंदू धर्म में शादी को लेकर कई सारी मान्यताएं प्रचलित हैं जिनका पालन लोग सदियों से करते आ रहे हैं. शादी के समय जितने रीति-रिवाज भारत में निभाने पड़ते हैं शायद ही दुनिया के किसी देश में इतने रीति-रिवाज होते होंगे.
आज भले ही लड़का-लड़की अपनी पंसद से अपना जीवनसाथी चुनने के लिए आजाद हैं लेकिन एक ऐसा दौर भी था जब ये जिम्मेदारी माता-पिता निभाते थे और अपनी पसंद के लड़के से बेटी की शादी कराते थे. लेकिन ऐसा नहीं है कि आज के दौर में ये जिम्मेदारी माता-पिता नहीं निभाते हैं क्योंकि आज भी अधिकांश जगहों पर माता-पिता ही अपने बच्चों की शादी के लिए वर या वधू पसंद करते हैं और उनकी शादी कराते हैं.
शादी-ब्याह के मामले में हमेशा ही लड़की से बड़े उम्र के लड़के को ज्यादा तव्वजो दी जाती रही है यानि लड़के और लड़की की उम्र में अंतर होना जरूरी माना जाता है.
आखिर क्यों शादी के लिए लड़की से बड़ी उम्र के लड़के को चुना जाता है, चलिए हम आपको बताते हैं इसके एक नहीं बल्कि पांच कारण.
1- खुशहाल जीवन के लिए
ऐसा माना जाता है कि जिन शादियों में लड़का और लड़की के बीच उम्र का ज्यादा अंतर होता है यानी दूल्हा-दुल्हन से उम्र में बड़ा होता है तो ऐसी शादी ज्यादा समय तक चलती है. दोनों ही अपनी शादीशुदा जिंदगी में बेहद खुश रहते हैं और उनका जीवन खुशहाल बना रहता है.
2- रिश्ते में नहीं होती है तकरार
कहा जाता है कि जब पति-पत्नी की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं होता है तो उन दोनों के बीच हर बात को लेकर अहम बीच में आ जाता है, जिसके कारण उनके बीच कई बार छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े हो जाते हैं. अगर दोनों की उम्र में अंतर होता है तो फिर वो अपने बीच होनेवाली तकरार को अपनी सूझबूझ से टाल देते हैं.
3- एक-दूसरे के सम्मान के लिए
कहा जाता है कि अगर लड़का लड़की से उम्र में बड़ा होता है तो शादी के बाद दोनों के बीच एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना बनी रहती है. ऐसा देखा गया है कि पति किसी भी रिश्ते को चलाने के लिए बहुत धैर्य से काम लेता है और जब भी कभी उनके रिश्ते में ऐसी कोई समस्या आती है तो पति-पत्नी को साथ में बिठाकर रिश्ते को सामान्य करने की कोशिश करता है.
4- रिश्ते में साझेदारी के लिए
इस बात से विज्ञान भी इंकार नहीं करता है कि अगर पति की उम्र उसकी पत्नी से बड़ी है तो फिर दोनों के रिश्ते में जीवन पर्यंत साझेदारी बनी रहती है. लड़की शादी के बाद अपने पति का सम्मान करती है जबकि पति किसी भी मुसीबत की घड़ी में अपनी पत्नी का साथ नहीं छोड़ता है. दोनों आपस में तालमेल बिठाकर शादीशुदा जिंदगी की गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं.
5- रिश्ते में परिपक्वता के लिए
ऐसा कहा जाता है कि लड़कियां छोटी उम्र में ही परिपक्व हो जाता हैं जबकि लड़कों को भावनात्मक रुप से परिपक्व होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है. इसलिए विशेषज्ञ भी यही मानते हैं कि लड़के और लड़की की शादी में उम्र का अंतर होना चाहिए. लड़का-लड़की से कम से कम उम्र में 5 साल तक बड़ा होना चाहिए.
बहरहाल इस बात को विशेषज्ञ भी मानते हैं कि दूल्हा और दुल्हन की उम्र में कम से कम 5 साल का अंतर होना चाहिए. इससे शादी के बाद पति-पत्नी का रिश्ता प्यार व साझेदारी के साथ आगे बढ़ता है और शादीशुदा जीवन खुशहाल बना रहता है.
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