पड़ोसी देश पाकिस्तान में खूनी खेल अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
आये दिन आतंकवादी कोई ना कोई घटना कर, अपने मनसूबों को जग जाहिर कर रहे हैं. पाकिस्तान सरकार हर बार एक ही बयान जारी कर देती है कि आतंकवादियों को बक्शा नहीं जाएगा.
अभी पिछले साल ही आतंकियों ने पेशावर के एक सैनिक स्कूल में घुसकर बेहद दर्दनाक तरीके से 132 से अधिक स्कूली बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था और इस बार लाहौर के योहानाबाद इलाके के रोमन कैथोलिक और क्राइस्ट चर्च में दो बम धमाके हुए हैं. इन हमलों में एक बच्चे समेत 14 लोगों की मौत हो गयी. हमले में कम से कम 68 लोग घायल हुए. इन बम धमाकों की जिम्मेदारी आतंकी समूह जमात-उल-अहरार ने ली है. जिस वक़्त ये हमला हुआ, चर्च में तब प्रार्थना चल रही थी. ऐसा नहीं है कि आतंकवादी केवल मासूम लोगों पर ही हमला कर रहे हैं.
ज्ञात को कि मई, 2011 में आतंकियों ने कराची के एयरबेस से जुड़े नौ सैन्य अड्डा ‘पीएनएस मेहरान’ पर हमला कर, पाकिस्तान के दो युद्धक विमानों समेत को भी उड़ा दिया था. पाकिस्तान के अंदर बीते दस साल में लगभग 45000 लोगों की जान आतंकवादियों ने ली है.
आइये देखते हैं 5 कारण जिनकी वजह से आज पाकिस्तान आतंकवाद की आग में जल रहा है.
पाकिस्तान ने आतंकवाद को पहले अपने बच्चे की तरह पाला और उसे पाल-पोश कर बड़ा किया है. आज वही फल-फूल कर, उसी को दर्द दे रहा है. इस आतंकवाद का मुख्य मकसद तो एक ही था, हिंदुस्तान की सर-जमी को लाल करना, ऐसा इसने कई बार किया भी, मार्च 12, 1993 मुंबई में एक साथ 13 सीरियल बम ब्लास्ट हुए. इसके बाद संसद पर हमले से लेकर फिर से मुंबई ताज पर हमले तक कई बार मासूम लोगों की जान पड़ोसी देश का ही आतंकवाद ले चुका है. जग जाहिर है इसी आतंकवाद ने अमेरिका से लेकर इंग्लैंड, रूस और ना जाने कितने देशों में, इंसान और इंसानियत का कत्ल किया है. वर्तमान में यही सांप पाकिस्तान को अपना ज़हर पिला रहा है.
एक सवाल हमेशा पाकिस्तान से किया जाता है कि आखिर क्या कारण हैं जिसकी वजह से आतंकवाद पर लगाम नहीं लगा पा रहा है देश. पाकिस्तान ने तो इसका कभी जवाब नहीं दिया और अब तो अमेरिका ने भी अपनी आर्थिक मदद पाकिस्तान के लिए रोक दी है, जो वह आतंकवाद के खात्मे के लिए भेजता था. लेकिन इस बिमारी का जड़ से इलाज़ सिर्फ इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकी आतंकवादियों को देश की राजनीतिक पार्टियों एवम कुछ राजनीतिक नेताओं का संरक्षण प्राप्त है. इस ज़हरीले पेड़ को पानी यहीं से मिल रहा है.
पाकिस्तान की न्याय प्रक्रिया का आतंकवादियों को कोई भी डर नहीं है. यहाँ तक कानून का मजाक बनाकर ये लोग प्रयोग भी कर रहे हैं. बीबीसी की उर्दू सेवा ने अभी हाल ही में खबर दिखाई थी कि मुंबई आतंकी हमले (26/11) का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी पाकिस्तान के रावलपिंडी जेल में ऐश की जिंदगी जी रहा है. फ़ोन से लेकर, इंटरनेट तक सब कुछ जेल ही प्रयोग कर रहा था रहमान लखवी. अब भला ऐसी जेल में कौन नहीं जाना चाहेगा. एक यह भी कारण है कि आतंकवादियों को कानून और अदालतों से खेलना अच्छा लगता है.
आज आतंकवाद से प्रभावित देशों की सूची में पाकिस्तान का नाम ऊपरी क्रम में आता है. अशिक्षा और बेरोजगारी से परेशान लोग, जल्द ही इन इंसानियत के दुश्मनों के साथ मिल जाते हैं. शिक्षा का अभाव इस कदर है कि यह मासूम नहीं सोच पाते हैं कि क्या सही है और गलत. इसके बाद इनका ब्रेन वाश आसानी से कर दिया जाता है. आज भी पाकिस्तान में 79 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं. निवेश के लिए देश में कंपनिया नहीं आ पा रही हैं.
पाकिस्तान कहीं ना कहीं आतंकवाद से ग्रसित है, तो उसके पीछे एक कारण अफगानिस्तान और ईरान जैसे पड़ोसी देशों पर लगाम ना रख पाना भी है. यदि कभी पाकिस्तान असमाजिक तत्वों पर कारवाई करता भी है, तब ऐसे में ये लोग बड़ी आसानी से पड़ोस में चले जाते हैं. साथ ही तालिबान और अलकायदा जैसे समूह नहीं चाहते हैं कि पाकिस्तान में किसी भी प्रकार की शांति बने.
लेकिन अब वक़्त आ गया है कि पाकिस्तान को अपने आवाम के लिए एक स्वस्थ्य वातावरण का निर्माण करना होगा, ताकि देश में इंसानी जीवन जीने लायक माहौल पैदा हो सके. अब वक़्त बदल चुका है, पाकिस्तान को अपने विकास पर भी ध्यान देने के लिए सबसे पहले आतंकवाद का खात्मा करना होगा.
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