Categories: विशेष

5 गलतियाँ जो प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदीजी को पड़ सकती हैं भारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदीजी की सरकार अब अपना सुरूर कम करती जा रही है.

जनता मोदी जी से नाराज है. लोग खफा हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है. मंहगाई, बेरोजगारी, और गरीबी पर किये गये वादे पूरे नहीं हुए हैं.

जनता की नाराजगी की झलक हम दिल्ली विधानसभा और बिहारचुनावों में देख चुके हैं. एक तरफ दिल्ली में मोदी जी केजरीवाल से हारे तो वहीँ दूसरी तरफ लालू और नितीश जी से मुंह की खानी पड़ी थी.

लेकिनपिछली गलतियों से ना सीखते हुए अभी भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी गलतियाँ कर रहे हैं.

आइये नजर डालते हैं उन 5 गलतियों पर जो पड़ सकती हैं प्रधानमंत्री जी को भारी…

  1. वन मेन आर्मी

बहुमत की जीत के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी वन मेन आर्मी बनी हुई है. छोटे और बड़ी हर बात के लिए पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मुंह ताकने लगती है.बड़े और अनुभवी लोगों कीकोई सुन नहीं रहा है. बिहार चुनावों में भी खुद प्रधानमंत्री जी ने चुनाव प्रचार का जिम्मा अपने कन्धों पर ले रखा था किन्तु वहां पार्टी की हार हुई थी.

  1. अमित शाह जी पर मात्र मोदी जी का विश्वास

दो विधानसभा में हार के बाद पार्टी के कार्यकर्त्ता और अनुभवी लोग अमित शाह जी को पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाना चाहते थे. लेकिन हाल ही में फिर से इनको अध्यक्ष घोषित करके मोदी जी ने अपनी तानाशाही ही साबित की है. पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्त्ता भी अमित शाह से खुश नहीं हैं.

  1. संघ से बगावत

सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी से संघ का एक खेमा नाराज है. जिस तरह से मोदी जी मनमानी कर रहे हैं संघ के कुछ लोग इसे बगावत का नाम दे रहे हैं. संघ कभी नहीं चाहेगा कि कोई संघ से बड़ा हो जाये और दिल्ली में कार्य करते हुए उनकी राय ना ले. संघ से बगावत मोदी जी को भारी पड़ सकती है.

  1. मंत्री बेरोजगार

ऐसा पहली बार हो रहा है कि पार्टी के सांसद और मंत्री अपने ही नेता से खुश नहीं हैं. कोई भी अभी इस स्थिति में तो नहीं है कि खुलकर वह अपनी नाराजगी प्रकट करे किन्तु अधिकतर लोग बोल रहे हैं कि हम काम ही नहीं कर पा रहे हैं. हर कार्य के लिए प्रधानमंत्री जी के पास जाओ. और वहां से फाइल पास ही नहीं हो पा रही हैं. हालात ऐसे हैं कि मंत्री-सांसद तक बेरोजगारकी स्थिति में हैं.

  1. पार्टी के लोगों की बयानबाजी

पार्टी में इस वक़्त जिसके जो दिल में आ रहा है वह बोल रहा है. हाल ही में मंत्री स्मृति ईरानी ने जिस प्रकार दलित छात्र की आत्महत्या पर गलत ब्यान दिया उससे साफ पता लगता है कि उनका होमवर्क पूरा नहीं था. कभी राम मंदिर तो कभी हिन्दू-मुसलमान, इन मुद्दों पर गलत बयानबाजी पार्टी और मोदी जी की छवि कोखराब कर रहे हैं.

अभी समय है कि प्रधानमंत्री जी को अपने आलोचकों से दूरी की जगह दोस्ती कायम करनी चाहिये. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश और पंजाब के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अगर पार्टी को यहाँ हार का सामना करना पड़ता है तो यह मोदी जी के लिए खतरे कि घड़ी साबित हो सकती है.

Chandra Kant S

Share
Published by
Chandra Kant S

Recent Posts

दिल्ली दंगे: कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां दंगे वाली जगह खजूरी ख़ास में आखिर क्या कर रही थीं?

दिल्ली हिंसा में अभी तक 42 लोग अपनी जान गवा चुके हैं 300 से ज्यादा…

5 years ago

नयी भाषा सिखने के ५ सरल तरीके बजट में बना सकते है अगली यात्रा स्वर्णीय

किसी तरह की विदेश यात्रा किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत शोभायमान होता हैI विशेषकर…

5 years ago

सेल्फी लेने की आदत को कह देंगे अलविदा, जब जानेंगे इसकी साइड इफेक्ट्स !

आज कल सेल्फी लेने का ट्रेंड काफी ज़ोरों पर है. अगर आप भी सेल्फी लेने…

6 years ago

शादी के बाद इन बातों को किया नज़रअंदाज़, तो हो जाएंगे मोटापे के शिकार !

मोटापा किसी को भी अच्छा नहीं लगता... लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि शादी…

6 years ago