भारत में पहले जहां औरतों को सिर्फ घर की चार दीवारी और चूल्हे-चौके तक ही सीमित रखा जाता था तो वहीं आज औरतों ने घर की चार दीवारी से बाहर निकलकर सफलता के कई ऐसे किस्से लिख दिए हैं जिससे ये साबित हो गया है कि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से पीछे नहीं हैं.
आज पुरुषों से कदम मिलाते हुए महिलाएं फौजी, आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर जैसे कई उच्च पदों पर पहुंचकर कामयाबी के नए आयाम को छू रही हैं
इसी कड़ी में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करते हुए हम आपको देश की ऐसी 5 महिला आईपीएस अफसरों से मिलवाने जा रहे हैं जिनका नाम सुनते ही बड़े-बड़े अपराधियों के पसीने छूटने लगते हैं.
1- किरण बेदी
किरण बेदी को पूरा देश जानता है. इन्हें भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी के तौर पर भी जाना जाता है. एक महिला होते हुए भी किरण बेदी ने ये साबित किया कि वो पुरुषों से बिल्कुल भी कम नहीं हैं. एक महिला आईपीएस ऑफिसर होने के साथ ही वो अपनी बहादूरी के लिए भी जानी जाती हैं. अपनी बेबाक छवि की वजह से किरण लोगों के बीच क्रेन बेदी के नाम से मशहूर हुईं.
2- अपराजिता रॉय
साल 2012 में यूपीएससी की परीक्षा में 358 रैंक हांसिल करनेवाली अपराजिता रॉय असम की पहली गोरखा महिला आईपीएस अधिकारी के तौर पर जानी जाती हैं. वर्तमान में अपराजिता रॉय की नियुक्ति पश्चिम बंगाल में हुई है, लेकिन गोरखालैंड की मांग के चलते उन्हें अब दार्जिलिंग पोस्ट करने पर विचार किया जा रहा है.
3- संगीता कालिया
90 के दशक में आनेवाले शो ‘उड़ान’ को देखकर संगीता कालिया को आईपीएस बनने की प्रेरणा मिली. संगीता ने साल 2005 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी लेकिन वो सफल नहीं हो पाईं. दूसरी कोशिश में उन्हें भारतीय रेल सेवा में नौकरी मिली लेकिन उन्होंने तीसरी बार फिर से परीक्षा दी और उन्हें भारतीय पुलिस सेवा में जाने का मौका मिल गया.
आपको बता दें कि भिवानी की रहने वाली संगीता को यूपीएससी की परीक्षा में 651वां रैंक मिला था. फिलहाल वो हरियाणा पुलिस डिपार्टमेंट में पोस्टेड हैं और संगीता का नाम सुनते ही बड़े-बड़े अपराधियों के पसीने छूटने लगते हैं.
4- संजुक्ता पराशर
असम की महिला आईपीएस ऑफिसर संजुक्ता पराशर बहादुरी के मामले में किरण बेदी से कम नहीं हैं. इस वक्त उन्हें असम के सोनितपुर में बतौर एसपी तैनात किया गया है और वो पिछले 15 महीनों से ग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन पर अपनी पूरी टीम के साथ काम कर रही हैं.
आपको बता दें कि संजुक्ता पराशर साल 2006 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. उन्होंने यूपीएससी की परीक्षी में 85वीं रैंक हासिल की थी.
5- मीरा बोरवंकर
पंजाब के फ़ाजिलका की मीरा चड्ढा बोरवंकर महाराष्ट्र कैडर में पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी थीं. 150 साल के इतिहास में मुंबई पुलिस अपराध शाखा में तैनात होनेवाली यह पहली महिला भी हैं.
मीरा चड्ढा बोरवंकर का जन्म और पढ़ाई पंजाब के फ़ाजिलका जिले में ही हुआ है. मीरा के पिता ओ.पी.चड्ढा बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स यानि बीएसएफ में थे. मीरा पढ़ाई-लिखाई के मामले में काफी होनहार थीं और बचपन से ही वो आईपीएस अधिकारी बनना चाहती थीं और उन्होंने यह कर दिखाया.
गौरतलब है कि देश की इन महिला आईपीएस अधिकारियों ने यह साबित किया है सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा कर सकती है और बहादूरी से बड़े-बड़े अपराधियों को सबक सिखा सकती हैं.
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