क्रिकेट में सारी वाहवाही तो खिलाड़ी ले जाते हैं.
सारे रिकार्ड्स इनके नाम होते हैं. खेल में अवार्ड्स इनके नाम आते हैं.
दर्शकों का प्यार तो ये खिलाड़ी ले जाते हैं.
लेकिन एक मैच को पूरा कराने में मैदान में खड़े अंपायर का सबसे ज्यादा और अहम योगदान होता है.
पूरे मैच पर अपनी निगाह रखने वाले अंपायर, जो एक मिनट के लिए भी आराम नहीं करते हैं, वह कहीं गुमनामी में खो जाते हैं और इन्हें वह सब नहीं मिलता जिसके वे हकदार हैं. बस क्रिकेट को अलविदा कहते वक़्त इनको हम याद कर लेते हैं और यहीं इनकी दुनिया खत्म भी हो जाती है.
आईये आज हम विश्व के कुछ विख्यात अम्पायरों को भी जान लेते हैं-
डेविड शेफर्ड
शायद ही कोई क्रिकेट प्रेमी होगा, जो अंपायर डेविड शेफर्ड को नहीं जानता होगा. भारी शरीर, सटीक निर्णय और आउट देने का इनका अपना अंदाज़. अपने बेबाक फैसले के लिए मशहूर अंपायरों में इनका नाम भी शामिल हैं. क्रिकेट के सभी खिलाड़ी इनके फैसले का आदर करते थे.
इन्होंने सन 1985 से लेकर 2005 तक कुल 92 टेस्ट मैचों तथा 172 एकदिवसीय मैचों में अम्पायर की भूमिका अदा की थीं. शेफर्ड ने विश्वकप में भी अम्पायरिंग की. डेविड 1996,1999 और 2003 के विश्वकप फाइनल मैच में शामिल थे। आपको जानकार हैरानी होगी कि शेफर्ड ने काउंटी क्लब ग्लोसेस्टरशायर के लिए 282 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे. अपने 14 साल के क्रिकेट जीवन के दौरान शेफर्ड ने काफी शोहरत बटोरी.
जब गेंदबाज़ बोलिंग करता था और बल्लेबाज़ अगर एल. बी. डव्लू. के लिए आउट हो तो, इससे पहले की गेंदबाज़ पीछे मुड़ कर अपील करे, डेविड शेफर्ड उससे पहले ही अपनी ऊँगली उठा दिया करते थे.
साइमन टॉफेल
21 जनवरी 1971 को ऑस्ट्रेलिया में जन्में टॉफेल एक महान अंपायर रहे हैं. बेशक अभी वह खेल से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन आज भी इनका नाम क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है. पांच बार आईसीसी की ओर से सर्वश्रेष्ठ अंपायर चुने गए हैं. टॉफेल को 2004 से 2008 तक लगातार पांच बार आइसीसी वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अंपायर का पुरस्कार मिला. टॉफेल 74 टेस्ट, 174 एकदिवसीय और 33 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में अंपायरिंग कर चुके हैं. साइमन जी जब क्रिकेट के मैदान में होते थे तब खेल का मजा ही कुछ और होता था. हमेशा शांत और सटीक निर्णय ही इनकी पहचान रही है.
बिली बोडेन
बिली बोडेन न्यूजीलैंड देश से सम्बन्ध रखते हैं. गठिया नामक रोग से पीड़ित होने से पहले वे एक खिलाड़ी थे. लेकिन जब इनको लगा कि अब क्रिकेट को खेलना इनके लिए संभव नहीं है, तब इन्होनें अपने लिए क्रिकेट अम्पायरिंग को चुन लिया. बोडेन 2006 में हुए ब्रिस्बेन के एशेज टेस्ट में चोटिल हो गए थे, जब स्क्वेयर लेग क्षेत्ररक्षण की जगह पर खड़े गेरेंट जोन्स की एक गेंद उन्हें जा लगी. बिली बोडेन अपनी अंपायरिंग के संकेतों की वजह से हमेशा, दर्शकों का मनोरंजन करते आयें हैं, इनका आउट देने का तरीका, सिक्स को बताने का अंदाज़, हमेशा से मनोरंजन भरा रहा है. टेस्ट मैचों में बिली शांत अंपायरिंग करते हैं, एकदिवसीय मैचों में थोड़ी आकर्षित और ट्वेंटी में भड़कीली अंपायरिंग. गठिया रोग के कारण सीधी ऊँगली से संकेत देना जब मुश्किल हो रहा था तब इन्होनें अपना अलग ही अंदाज़ बना लिया.
अलीम डार
अलीम पाकिस्तान के इकलौते ऐसे अंपायर हैं जो आईसीसी एलीट पैनल में शामिल हैं और दो बार आईसीसी के साल के सर्वश्रेष्ठ अंपायर का पुरस्कार हासिल कर चुके हैं. अलीम डार की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि इन्होनें कभी भी अपने फैसलों में भेदभाव को जगह नहीं दी. भारत और पाकिस्तान के मैचों में भी इन्होनें कभी भी अपना देश प्रेम, अपने निर्णयों में आने नहीं दिया. यही एक कारण रहा है कि विश्व की सभी टीमें इनका आदर करती आयी हैं. 6 जून 1968 को जन्में डार पाकिस्तान के लिए प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी भी रहे हैं. अलीम डार 94 टेस्ट मैच, 175 एकदिवसीय और 35 ट्वेंटी- ट्वेंटी मैचों में, अपनी सेवाएँ, क्रिकेट को दे चुके हैं.
श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन
श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन भारत देश के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय अंपायर रहे हैं. इन्होनें टेस्ट मैच से अपने करियर की शुरूआत की और अपने सन्यास के बाद, आईसीसी के अंपायर पैनल में इनको शामिल किया गया. 21 अप्रैल 1945 को जन्में वेंकटराघवन क्रिकेट के खिलाड़ी भी रह चुके हैं. भारत के लिए खेलने के साथ-साथ, इन्होनें काउंटी मैचों में भी जलवा बिखेरा है. बाद में क्रिकेट के अपने लगाव के कारण ही इन्होनें अंपायरिंग को अपना करियर बना लिया. अपने अंपायरिंग करियर में इन्होनें 73 टेस्ट और 52 एकदिवसीय मैचों में अपनी सेवायें दी. भारत के संस्कार और संस्कृति की छाप के कारण ही, खेल के ग्राउंड पर भी इनको हमेशा शांत और विवादों से दूर देखा गया.
अब आप यह मत समझ लेना की, विश्व में यही 5 अंपायर सबसे ज्यादा विख्यात हैं. हमारा उद्देश्य मात्र इतना ही है कि अगली बार जब आप खेल का आनंद लें, तो मैदान पर खड़े अंपायर को भी जानें और उसका आदर करें.