बच्चों की किलकारियाँ सारे घर में गूंजने लगती हैं जब टेलीविजन पर ‘टॉम एंड जेरी’ जैसे कार्टून अपने कारनामों से मची कॉमेडी पर सवार होकर धूम मचाने लगते हैं. बच्चे काफी दिलचस्पी से इन कार्टूनों का मज़ा लेने में कहीं खो से जाते हैं.
ऐसे कई षड्यंत्र सिद्धांत (conspiracy theory) हैं जो आपके बचपने को काफी हद तक बर्बाद कर सकते हैं. जी हाँ, बर्बाद, तबाह, नेस्तनाबूत और ख़त्म कर सकते हैं. कृपया अपने छोटे भाई-बहनों को इस पोस्ट से दूर रखियेगा! वरना ऊपरी सुर में जोर से “नहीं!” की आवाज़ सुनना अपेक्षित है.
आइये नज़र डालते हैं ऐसे कार्टूनों पर जिनपर षड्यंत्र सिद्धांत (conspiracy theories) कायम है.
सबसे पहला कार्टून.
१. ‘करेज द कावर्डली डॉग’ (courage the cowardly dog)
यह कार्टून कार्यक्रम ऐसे कुत्ते पर आधारित है जो अपने दो मालिकों को तरह-तरह के भूत-प्रेतों, पिशाचों और न जाने कितने अजीबो-गरीब लोगों से बचाता फिरता है. यह सिद्धांत काफी हद तक सही हो सकता है. तो सिद्धांत यह है कि यह कार्टून, ‘करेज’ यानी उस कुत्ते के दृष्टिकोण से दर्शाया गया है.
करेज जिसे हम भारतीय ‘शेरदिल’ के नाम से जानते हैं, एक सामान्य कुत्ता है जो लोगों को शक भरी नज़रों से देखता है और इसलिए उसे यह लोग भूत-प्रेतों की तरह नज़र आते हैं. कार्यक्रम में दर्शाया गया है कि करेज अपने दोनों मालिकों के साथ जिनका नाम यूस्टस और म्युरिअल है, एक जगह पर रहता है जिसका नाम ‘कहीं नहीं’ है, जी हाँ जगह का नाम ‘कहीं नहीं’ है. उसके दोनों मालिक काफी बूढ़े हो चुके हैं और इसलिए उसे घुमाने कहीं बाहर नहीं ले जा सकते. इसी कारण वह सिर्फ अपने घर के इर्द-गिर्ध के माहौल से ही वाकिफ है. और इसलिए जगह का नाम ‘कहीं नहीं’ बताया गया है.
है ना दिलचस्प??
चलिए दूसरे कार्टून कार्यक्रम की तरफ रुख करते हैं….