सनातन धर्म जिसे बहुत से लोग हिन्दू धर्म समझने कि भूल करते है विश्व का प्राचीनतम धर्म है.
यदि ये कहा जाए कि दुनिया का हर धर्म सनातन धर्म से निकला है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
तकरीबन हर धर्म के कुछ रीति रिवाज, कर्म कांड सनातन धर्म में मिलते है.
सनातन धर्म एक धर्म ना होकर एक जीवन शैली है, जो पप्राचीन काल से ही पूरी दुनिया में फैली हुई है. समय समय पर दुनिया के अलग अलग कोने में सनातन धर्म की उपस्थिति के साक्ष्य मिलते है.
पिछली बार हमने आपको जर्मनी में मिली 32000 वर्ष पुरानी नृसिंह अवतार कि प्रतिमा के बारे में बताया था.
आज उसी कड़ी में आपको बताते है वियतनाम में मिली गणेश प्रतिमा और वहां कि गंगा नदी के बारे में. जो सनातन धर्म कि उपस्थिति को दर्शाते है.
दो वर्ष पहले वियतनाम के पुरातत्ववेत्ताओं को करीब 3500-4000 वर्ष पुरानी मूर्तियाँ, बर्तन आदि मिले. जांच करने पर पाया गया कि मूर्तियाँ भगवान विष्णु की है.
वियतनाम के सूत्रों के अनुसार ये विष्णु प्रतिमा Oc Eo संस्कृति के समय ही है. वियतनाम में इस समय कम्युनिस्ट शासन है लेकिन वहां कि सरकार देश की पुरातन संस्कृति को जानने के लिए प्रयास करती रहती है.
इसी कड़ी में खुदाई में मिली प्रतिमा को जांच के बाद भगवान विष्णु का सिर कहा गया है.
इस प्रतिमा का सबसे बड़ा महत्व ये है कि विश्व में पहली बार आधिकारिक रूप से किसी प्रतिमा को वैदिक संस्कृति के समय कि माना गया है.
दुसरे शब्दों में कहे तो वियतनाम में मिली ये विष्णु प्रतिमा भारत के अलावा पहली बार दुनिया के किसी अन्य देश में सनातन धर्म और वैदिक संस्कृति का सुबूत है.
वियतनाम में मिली ये विष्णु प्रतिमा और अन्य 1000 पौराणिक वस्तुएं इस बात का भी प्रमाण घी कि हजारों वर्ष पहले वैदिक संस्कृति ना केवल भारत में अपितु दुनिया के सुदूर देशों में भी फ़ैल रही थी.
वियतनाम में वैदिक संस्कृति और प्राचीन काल में उय्सके भारत से संबंधों का एक और सुबूत वहां बहने वाली प्रमुख नदी भी है. इस नदी के आस पास के क्षेत्र में ही ये विष्णु प्रतिमा मिली है.
इस नदी को मेकोंग नदी कहते है जिसका अर्थ है माँ गंगा.
आज जब विश्व के कोने कोने से वैदिक संस्कृति और सनातन धर्म के सबसे प्राचीनतम होने के प्रमाण मिल रहे है उससे ये बात तो साबित हो गयी कि जो लोग कहते है कि सनातन धर्म आर्यन लोगो ने स्थापित किया था वो एक दम गलत है.
सनातन धर्म आज से हजारों सालों पहले भी उसी प्रकार फल फूल रहा था जिस प्रकार आज अलग अलग धर्म और सम्प्रदायों में फल फूल रहा है.