एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 21 माह के आपातकाल के दौरान बिना कारण बताए 1 लाख 40 हज़ार लोगों को गिरफ्तार किया गया.
आपातकाल के लगभग 2 साल बाद विरोध की लहर तेज़ होती देख इंदिरा गाँधी ने लोकसभा भंग कर दुबारा चुनाव की सिफारिश की.
चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी. खुद इंदिरा गाँधी अपने गढ़ रायबरेली से चुनाव हार गयी.
जनता पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आई और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने.
कांग्रेस 350 से सिमट कर 153 सीटों तक ही रह गयी.
उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पायी.