‘सवा लाख ते एक लडावा, तां गोविन्द सिंह नाम धरावा’
इस पवित्र नारे को लगाकर 21 भारतीय सैनिक 10000 अफगानी सैनिकों से अपने कर्तव्य और अपने स्वाभिमान की खातिर लड़ जाते हैं.
सभी को पता था कि इस लड़ाई से बचना तो बहुत मुश्किल है लेकिन दुश्मनों की जीत भी हमारी बहादुरी के लिए धब्बे का काम करेगी.
आपने आज तक स्पाटा की लड़ाई ही सुनी होगी जहाँ 300 बहादुर योद्धाओं ने दुश्मनों को टक्कर दी थी.
लेकिन आज जानिये भारतीय इतिहास को, इस इतिहास को दबा दिया गया, छुपा दिया गया, लेकिन शहीदों के बलिदान कभी छुपाये नहीं जा सकते हैं.