2007 में हैदराबाद बम धमाका हुआ था।
यह बहुत ही घातक धमाका था जिसने पूरे देश को सिरहा दिया था।
इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट कर रही थीं। कोर्ट ने बीते मंगलवार को 4 सितंबर को अपना फैसला सुनाया था। एनआई कोर्ट ने इन धमाकों में दो आरोपियों को दोषी घोषित किया जबकि दो आरोपियों को बरी कर दिया। इन आरोपियों की सजा अगले दिन 10 सितंबर की सुनवाई के लिए सुरक्षित रख दी थी।
2007 Hyderabad Twin Blasts case: Aneeq Shafeeq Sayeed and Ismail Chaudhary convicted. Two more accused in the case have been acquitted. pic.twitter.com/LaIepC78y6
— ANI (@ANI) September 4, 2018
आ गया फैसला
सोमवार को फैसला आ गया है। हैदराबाद दोहरे ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने आज अपना फैसला सुनाते हुए दो दोषियों को फांसी की सजा और एक अन्य दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है।
इन दो को मिली फांसी की सजा
ब्लास्ट केस के दोषी अनिक सईद और इस्माइल चौधरी को कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा सुनाया है। वहीं तारिक अंजुम को उम्रकैद की सजा मिली है। फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत ने तीसरे आरोपी को दोषी ठहराया। इस मामले में पहले फैसला 27 अगस्त को आना था। लेकिन सेशन कोर्ट के जज श्रीनिवास राव ने ये फैसला 4 सितंबर तक टाल दिया था।
हैदराबाद बम धमाका
11 साल पहले हैदराबाद में बम धमाका 25 अगस्त 2007 को हुआ था। यह धमाका के लुंबिनी पार्क और गोकुल चाट में शाम को लगभग साढ़े सात बजे हुआ था। गोकुल चाट वहां का प्रसिद्ध भोजनालय है। वहां हमेशा काफी भीड़ रहती है। यहां हुए विस्फोट में 32 लोगों की जान चली गई थी और 47 लोग घायल हो गए थे।
जबकि राज्य सचिवालय से सटे लुंबिनी पार्क के ओपन थिएटर में हुए विस्फोट में 12 लोग मारे गए थे और 21 घायल हुए थे।
हमलावर बैग में आइइडी लेकर पहुंचे थे। इस धमाके में छात्रों की ज्यादा मौत हुई थी। इस मामले में पहली गिरफ्तारी जनवरी 2009 को हुई।
चार लोग पाए गए आरोपी
इस बम धमाके में तीन लोग आरोपी पाए गए। पुलिस ने जो आरोप पत्र दायर किया था उसमें इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक रियाज भटकल, उनके भाई इकबाल और आमिर रजा खान के नाम थे जो कि फरार हैं। चौथा आरोपी इंडियन मुजाहिद्दीन के एक कथित आंतकी तारिक अंजुम को माना गया है जिसके ऊपर आऱोपियों को शरण देने का इल्जाम है।
7 अगस्त को पुरी हुई थी सुनवाई
इस केस की सुनवाई 2016 में शुरू हुई थी। इसे इसी साल जून में नामपल्ली की कोर्ट से चेरलापल्ली सेंट्रल जेल स्थित कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। सेशन जज श्रीनिवास राव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 7 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसके बाद इस पर फैसला 27 अगस्त को सुनाना था। लेकिन उस दिन जज ने इस पर फैसला सितंबर में सुनाने को फैसला किया था।
हैदराबाद बम धमाका के आरोपी – सितंबर के पहले मंगलवार को तीनों आरोपी को आरोपी ठहराया और 10 सिंतबर को दो आरोपी को फांसी की सजा व एक को उम्रकौद की सजा सुनाई। देर से ही सही लेकिन इस पर आया फैसला हर किसी को पसंद आएगा शायद?