साल 1991 में किसी को उम्मीद नहीं थी कि बीजेपी की सरकार उत्तर प्रदेश में सरकार बना पायेगी.
लेकिन जब बीजेपी के बड़े नेताओं ने खासकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चेहरे कल्याण सिंह, भारतीय जनता पार्टी के प्रधान अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने राम लल्ला के दर्शन किये और मंदिर के लिए काम करने का प्रण लिया था तो राम के आशीर्वाद से साल 1991 में बीजेपी पूर्ण बहुमत से चुनाव जीत गयी थी.
वहीं जब कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए बीजेपी की सरकार थी तो कुछ लोगों की गलती के चलते कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ गया था. ऐसा कतई नहीं कहा जा सकता है कि विवादित ढाचे को छेड़ना सही था, लेकिन सच यह है कि बीजेपी के मुख्यमंत्री को यह नहीं पता था कि ऐसा कुछ गलत हो जायेगा.
भगवान राम के आशीर्वाद से बीजेपी की सरकार बनी थी लेकिन जब राम के मूल्यों के खिलाफ कार्य किया गया था तो इसी कारण से कल्याण सिंह 6 दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद कल्याण सिंह ने एक बार फिर से राम लल्ला का आशीर्वाद लिया था और यह साल 1997 से 1999 तक एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गये थे.
राम लल्ला का आशीर्वाद लें नरेन्द्र मोदी
साल 2017 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो जबसे सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ है उसके बाद से समीकरण गड़बड़ाने लगे हैं. बीजेपी को अभी उत्तर प्रदेश हाथ से निकल जाने का डर सता रहा है.
लेकिन बीजेपी उत्तर प्रदेश चुनाव में जो मुख्य चीज भूल रही है वह भगवान राम का आशीर्वाद है.
नरेन्द्र मोदी को यह नहीं भूलना चाहिए कि इनको तो भगवान राम ने कभी निराश नहीं किया है. जब भी मोदी ने भगवान राम के दर्शन किये हैं तभी राम लल्ला ने मोदी को जीत का वरदान दिया है.
इसका सबसे ताजा उदाहरण पिछले लोकसभा चुनाव में सभी देख चुके हैं. मोदी ने भगवान राम का नाम लिया था और भगवान राम ने पूर्ण बहुमत से मोदी को सत्ता का वरदान दिया था.
अब जब विधानसभा चुनाव सर पर है तब अगर नरेन्द्र मोदी राम लल्ला के दर्शन करने सिर्फ एक बार उत्तर प्रदेश पहुचंते हैं तो निश्चित रूप से भगवान राम के आशीर्वाद से मोदी को सत्ता मिल जाएगी. उत्तर प्रदेश की जनता का एक वर्ग जो सवर्ण वर्ग है वह हमेशा से राम के साथ खड़ा हुआ है. अभी सवर्ण वोट बैंक का कुछ 30 प्रतिशत भाग बीजेपी से अलग हो रहा है और यदि मोदी एक बार राम लल्ला के दर्शन करने चले जाते हैं तो निश्चित रूप से सवर्ण पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में आ जायेगा.
इसके बाद भारत के कई बड़े संत जब मोदी की तारीफ़ करेंगे और राम मंदिर के लिए सड़क पर आयेंगे तो निश्चित रूप से संतों के आशीर्वाद से उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ सकती है. कुलमिलाकर बात की जाए तो अब जल्द से नरेन्द्र मोदी को राम लल्ला के दर पर पहुंचकर भगवान राम से जीत का वरदान ले लेना चाहिए अन्यथा कहीं ऐसा ना हो कि राम के दरबार पर ना जाकर बीजेपी से बड़ी गलती हो जाये.
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