16 दिसम्बर 2014 पेशावर
इस बार देश था पाकिस्तान और घटना ऐसी कि किसी का भी दिल दहल जाए. आँखों से आंसू निकल पड़े.
माना की पाकिस्तान से हमारे रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे लेकिन ये घटना ऐसी हुई थी कि भारत क्या दुनिया का कोई भी देश ऐसी घटना पर निंदा किये बिना नहीं रह सका.
पेशावर की एक स्कूल पर हुआ फिदायीन हमला. 5-6 साल के मासूम बच्चों को निशाना बनाया गया. आतंकवादियों के हाथ एक पल को भी नहीं काँपे उन मासूमों को गोलियों से छलनी करते हुए. पूरा इलाका खून से रंग दिया. सैंकड़ों बच्चो को बेदर्दी से मार दिया गया.
मज़हब के नाम पर हुए इस कत्लेआम में बेकुसूर मासूम बलि चढ़े. तस्वीरें ऐसी भयानक थी कि आज भी याद करके रूह कांप जाती है.
ना जाने कब खत्म होगा हैवानियत का ये नंगा नाच.
देखा आपने कितनी खास है आज की तारीख 16 दिसम्बर. इस तारीख में जीत की यादें है तो साथ ही साथ निर्भया की इन्साफ की पुकार है और इसी तारीख में है सैंकड़ों मासूमों की चीखें भी.