तनिष्क अब्राहम – इतिहास गवाह है कि भारत हमेशा से ही ज्ञान के क्षेत्र में एक अग्रणी देश रहा है।
शून्य का आविष्कार हो या फिर दशमलव का, भारतीय वैज्ञानिकों ने आदिकाल से दुनिया को कुछ ना कुछ नया दिया है जिसमें से सून्य बहुत बड़ी खोज थी। क्योंकि शून्य के बिना ना तो कंप्यूटर का अविष्कार हो सकता था ना किसी गणित की गणना।
भारत के इस महत्वपूर्ण खोज के बाद भी आज भारत को दुनिया में सांप-सपेरों का देश कहा जाता है।
इस कहे को समय-समय पर कई भारतवंशी तोड़ते रहे हैं। और इस बार इस कहे को तोड़ने का काम किया है एक 15 साल के लड़के ने जो अमेरिका में रहकर ग्रेजुएशन कर रहा है।
अमेरिका है ज्ञानियों का देश
वर्तमान में अमेरिका को ज्ञानियों का देश कहा जाता है। सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिका के ही रहे हैं और सबसे ज्यादा अविष्कार अमेरिका में ही हुए हैं। सबसे अधिक गुणवत्ता वाले शैक्षणिक संस्थान भी अमेरिका में ही हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका ज्ञानियों का देश है। इसलिए दुनिया के हर शख्स का सपना होता है कि वह अमेरिका जाकर पढ़े।
कई भारतीय भी अमेरिका पढ़ने जाते हैं और अपना भविष्य संवारते हैं। लेकिन इनमें से कम ही होते हैं जो भारत का नाम रौशन भी करते है। कुछ ऐसा ही काम इस 15 साल के भारतीय मूल के बच्चे ने किया है।
15 साल की उम्र में शुरू करने जा रहा डॉक्टरेट की पढ़ाई
अमेरिका में विलक्षण प्रतिभा वाले 15 साल के भारतीय मूल के बच्चे ने अपनी अकादमिक यात्रा में मिसाल कायम करते हुए डॉक्टरेट की पढ़ाई शुरू की है। मीडिया की एक खबर के अनुसार, उसने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है।
नाम है तनिष्क अब्राहम
जिस तरह से हीरों में तनिष्क बेशकीमती हीरा होता है। इसी तरह से सभी छात्रों में तनिष्क अब्राहम भी काफी बेशकीमती है। तनिष्क अब्राहम ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, डेविस से अधिकतम अंकों के साथ स्नातक की डिग्री ली है। ‘फॉक्स40’ ने तनिष्क के हवाले से लिखा, ‘जाहिर है कि मैं बेहद उत्साहित हूं और मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है।’
जुनूनी हैं तनिष्क अब्राहम
तनिष्क अब्राहम की उलब्धियों पर भारत के साथ ही पूरा अमेरिका भी गर्व करता है। लेकिन उनके माता-पिता उसकी इस उपलब्धि पर सबसे ज्यादा गर्व करते हैं। उनके माता पिता ताजी एवं बिजोऊ अब्राहम ने कहा, ‘वह बहुत जुनूनी है और हमें अब उसका और अधिक ख्याल रखना होगा।’ तनिष्क के माता पिता केरल के रहने वाले हैं।
बना चुके हैं धड़कन नापने वाला डिवाइस
तनिष्क अब्राहम की प्रतिभा का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं उन्होंने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो आग में जले लोगों की धड़कनों को बिना उन्हें छुए नाप सकता है। उसकी ऐप्लीकेशन को डेविस ग्रेजुएट प्रोग्राम के तहत कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी ने मंजूर कर लिया है जहां से वह अगले चार से पांच सालों में एमडी हासिल करनी है। जिसके बाद उनकी पीएचडी पूरी हो जाएगी।
तनिष्क अब्राहम जैसे भारतवंशी ही भारत को सही मायनों में यंगिस्तान बनाते हैं। तनिष्क अब्राहम को हमारी तरफ से भी शुभकामनाएं।