स्वतंत्रता दीन 15 अगस्त, साल 1947 और समय रात 12 बजे ही क्यों चुना गया ?
जय हिन्द !
सिर्फ कुछ ही घंटो बाद हम अपने 69वा स्वतंत्रता दीन मनाने वाले है.
इस स्वतंत्रता दीन पर हम उन सभी शहीदों को फिर एक बार याद करने वाले है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान गवाई.
लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि, हमें आज़ादी के लिए 15 अगस्त 1947 का ही दीन क्यों मिला और कैसे ?
आप जानना चाहते है तो इस लेख को ध्यान से पढ़े.
साल 1947 ही क्यों ?
आप जानते है ब्रिटिशो ने भारत के आज़ादी का दीन 3 जून 1948 तय किया था. लेकिन परिस्थिति ही कुछ ऐसी बन गई कि आज़ादी की तारीख बदलनी पडी.
दरअसल द्वितीय साल 1945 में हुए विश्वयुद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान ब्रिटिशो को ही हुआ था. ब्रिटिश इतने कमज़ोर हो गए थे कि वे अपने देश में ही ठीक से राज़ नहीं चला पा रहे थे. ऐसे में गांधी जी का सत्याग्रह आन्दोलन और सुभाष चन्द्र बॉस के आज़ाद हिन्द फौज ने ब्रिटिशो के नाक में दम कर रखा था.
इसके अलावा जिन्ना भी अलग पाकिस्तान देश की मांग कर रहे थे.
उस समय भारत को बड़े कायदे से स्वत्रंत करने की ज़िम्मेदारी लार्ड माउंटबैटन दी गई थी.
माउंट बैटन ब्रिटिशो में बड़े ही समझदार अधिकारियों में गिने जाते थे. गांधीजी के दबाव के चलते और स्वंत्रत भारत निर्माण के लिए लार्ड माउंटबैटन को भारत की आज़ादी का साल 1947 चुनना पडा.
15 अगस्त ही क्यों ?
दरअसल लार्ड माउंटबैटन के लिए 15 अगस्त शुभ दीन था. इसी दीन उनकी बेटी भी जन्मी थी और 15 अगस्त के दीन ही द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान आर्मी ने ब्रिटिशो के सामने आत्मसमर्पण किया था. उस समय लार्ड माउंटबैटन अलाइड फ़ोर्स के कमांडर थे.
रात 12 बजे ही क्यों ?
15 अगस्त 1947 की रात बजे भारत देश को आज़ाद करने के पीछे भारत के ज्योतिषों और धर्म पंडितो का हाथ था.
ज्योतिषों के हिसाब से 15 अगस्त 1947 का दीन भारत की आज़ादी के लिए ठीक नहीं था. लेकिन उस समय के ब्रिटिश अगुआ लार्ड माउंटबैटन ने जिद पकड रखी थी कि भारत को 15 अगस्त के दीन ही आज़ाद करेंगे, क्योकि 15 अगस्त लार्ड माउंटबैटन के लिए लक्की तारीख थी.
ऐसे में ज्योतिषों ने एक गंभीर सुझाव निकाला.
ज्योतिषों ने कहा कि भारत को ठीक 15 अगस्त की रात 12 बजे आज़ाद किया जाए.
दरअसल भारत में अगला दीन सुर्योदय के बाद माना जाता है और अंग्रेज़ रात 12 बजे के बाद ही अगले दीन गिन लेते है. ज्योतिषों का ये सुझाव सभी को बेहद पसंद आया और माना भी गया.
ज्योतिषों ने नेहरु जी को ये कड़ी हिदायत भी दी कि वे रात 12 बजने से पहले ही आज़ादी का भाषण खत्म कर दे.
और तब कही जाकर 15 अगस्त 1947 की रात 12 बजे भारत आज़ाद हुआ.
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