7. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, (राजस्थान)
मान्यता है कि यहाँ एक बहुत विशाल चट्टान में से हनुमान जी की आकृति स्वयं ही उभर आई थी. इसी प्रतिमा को यहाँ पूजा जाता है. यहाँ हुनमान जी के पैरों में से एक जल कुंड निरंतर बहता रहता है.
मंदिर की शक्ति से पूरा भारत देश वाकिफ है, यहाँ ऊपरी बाधाओं के निवारण के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और सही होकर अपने घरों में जाते हैं.
जब मुगल साम्राज्य में इस मंदिर को तोडऩे के प्रयास किये थे तो उनको मुंह की खानी पड़ी थी और मंदिर को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था.