कला किसी चीज़ में बाधक नहीं होती है. कविता और कवि को भारत में उच्च ख्याति प्राप्त हैं. भारत माँ ने बहुत से सपूत पैदा किये हैं जिन्होंने कला में श्रेष्ठ योगदान दिया है. हमारे देश में काफी उच्च स्तर के राजनेता है जो एक बेहतरीन कवि भी हैं.
आज हम गौर फरमाते हैं कुछ ऐसे ही राजनेताओं पर जो एक अच्छे कवि भी हैं
श्री. अटल बिहारी वाजपयी: सर्व प्रथम और सर्व पसंद हैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी जी. वैसे तो उनकी राजनीतिक समझदारी की तारीफ तो दुनिया करती है और बहुत से लोग उनके द्वारा रचित कविता से प्रेरणा प्राप्त करते हैं.
“बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं
गीत नहीं गाता हूं
लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं
गीत नहीं गाता हूं”
श्री. नरेन्द्र मोदी : देश के मौजूदा प्रधानमंत्री जी की लोकप्रियता केवल भारत तक ही सिमित नहीं है. कुछ चुनिन्दा लोग हैं जो जानते है की मोदी जी एक महान राजनेता के साथ-साथ एक महान कवि भी हैं. इन्होंने सभी कविताए अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में और संघ प्रचारक की भूमिका निभाते वक़्त लिखी थीं.
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलम: हमारे सभी के चहेते माननीय पूर्व राष्ट्रपति जी की कलम से निकला हुआ, एक-एक शब्द हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है. इनका योगदान देश के परमाणु विज्ञान में भी अभूतपूर्व रहा है.
डॉ. कुमार विश्वास : “कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता हैं” कुछ कवियों में यह कला होती है कि वह सब उम्र के लोगों को रास आते हैं वैसे ही हमारे अपने, गंगा-जमुना तहज़ीब के डॉ. कुमार विश्वास हैं.
कुमारी ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री जिन्हें, बंगाल की जनता प्रचंड समर्थन देती हैं. वे कविताए बंगाली भाषा में लिखती हैं.
कपिल सिबल जी : कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. वे कांग्रेस की सरकार में मानव संसाधन, विज्ञान, संवाद और आइ.टी, तथा कानून एवं न्याय के मंत्री थे. राजनीती में फिलहाल इनका दौर कुछ खास नहीं चल रहा, परन्तु कविता की रचना वे आज भी करते हैं.
सलमान खुर्शीद जी : यह भी कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं. पूर्व कांग्रेस की सरकार में वह विदेश मंत्री थे. इन्होंने दिल्ली बलात्कार के ऊपर एक उत्तम कविता रची थी, जो आज भी हमें उस दर्दनाक किस्से को याद कराती है.
वरुण गाँधी जी : यह भाजपा के उभरते हुए सितारे हैं. संजय गाँधी जी और मेनका गाँधी जी के बेटे को कविता का चस्का केवल १७ वर्ष की उम्र से ही लग गया था. इनकी सारी पुस्तकों की कॉपी मार्केट में भी उपलब्ध है.
कनिमोज्ही करूणानिधि जी: वे तमिलनाडू से राज्यसभा सांसद हैं, एक राजनेता के साथ-साथ वह एक कवि और पत्रकार भी हैं. तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधि जी की सुपुत्री हैं. ‘द हिन्दू’ वर्तमान समाचार पत्र की सह-संपादक हैं. जब वह 2G घोटाले के लिए जेल में थी तब इन्होंने अपने बेटे से विरह के दुःख में तमिल में “मदर” कविता लिखी.
शशि थरूर: हाल में तो वे पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहे हैं, पर वे केरला से कांग्रेस के लोकसभा सांसद हैं. दुनिया जानती है की वह एक महान लेखक हैं परन्तु बहुत कम लोग यह जानते हैं की वे एक अंग्रेजी कवि भी है.