गर्भावस्था में बच्चे का विकास – ये कहा जाता है कि जब एक औरत मां बनती है तो उसके बच्चे के साथ ही उसका भी दोबारा जन्म होता है… क्योंकि मां बनना हर औरत के लिए दुनिया का सबसे सुखद अहसास होता है.
एक औरत के मां बनने की खुशी सिर्फ उसी तक सीमित नहीं होती है बल्कि ये उस बच्चे के पिता के लिए जीवन का सबसे आनंददायक लम्हा होता है.
एक सवाल शायद हर किसी के मन में कभी-न-कभी उठता ही होगा कि आखिर गर्भावस्था के दौरान एक मां के गर्भ में नौ महीने तक शिशु का विकास कैसे होता है और किस महीने में बच्चे का कितना विकास होता है.
अब आप इन तस्वीरों के ज़रिये जान सकते है कि गर्भावस्था में बच्चे का विकास कैसे होता है और उसे समझ भी सकते है.
गर्भावस्था में बच्चे का विकास कैसे होता है –
1- पहला महीना
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती स्त्री के हार्मोंस में तेजी से बदलाव आता है. प्रत्येक महीने में ये बदलाव और भी अधिक तेज हो जाते है. एक महीने के गर्भ में भी बच्चे के विकास को देखा जा सकता है.
गर्भावस्था के पहले महीने में शिशु एक पानी भरी थैली में होता है जिसकी लंबाई सिर्फ 0.6 सेमी. होती है. पहले महीने से शिशु का वजन और लंबाई बढ़ने लगता है.
2- दूसरा महीना
गर्भावस्था के दूसरे महीने में शिशु की पलके बंद रहती हैं लेकिन श्रवण और दृष्टि इंद्रियां विकसित होने लगती हैं. चेहरे के नैन-नक्श बनने लगते हैं और दिमाग का विकास होने लगता है.
इस दौरान ही शिशु के हाथ पैर की उंगलियां व नाखून बनने लगते हैं. दूसरे महीने में शिशु की लंबाई करीब 3 सेमी. और वजन 1 ग्राम होता है.
3- तीसरा महीना
हालांकि तीसरे महीने में शिशु का आकार बहुत छोटा होता है इसलिए उसकी हलचल महसूस नहीं का जा सकती है. इस दौरान उसकी आंखें बन चुकी होती हैं लेकिन पलके बंद ही होती हैं.
शिशु के हाथ,पैर, पंजे और पैरों की उंगलियां व नाखून इसी महीने में विकसित होते हैं. शिशु के वोकल कॉर्ड्स बन चुके होते हैं और इस दौरान शिशु अपना सिर ऊपर उठा सकता है. यदि गर्भाशय के अंदर झांका जाए तो बाहरी जननांग बनते हुए दिख सकते हैं.
4- चौथा महीना
गर्भावस्था के चौथे महीने में शिशु की लंबाई और वजन में तेजी से बढ़ोत्तरी होने लगती है. शिशु की त्वचा और सिर पर बाल दिखने लगते हैं. भौहें और पलक के बाल आने लगते हैं साथ ही चमड़ी वसायुक्त होने लगती है.
5- पांचवां महीना
गर्भावस्था के पांचवे महीने में शिशु कुछ समय के लिए गतिशील रहता है तो कुछ समय के लिए शांत भी रहता है. एक सफेद चिकना स्त्राव शिशु की त्वचा की एम्नीओटिक पानी से रक्षा करता है.
शिशु की त्वचा का रंग लाल और ज्यादा वसायुक्त बनती है. इसके साथ ही उसकी त्वचा पर झुर्रियां पर जाती हैं. इस महीने शिशु की लंबाई 25 से 30 सेमी और वजन करीब 200 से 450 ग्राम होता है.
6- छठा महीना
गर्भावस्था के छठे महीने में शिशु की त्वचा झुर्री भरी और लाल होती है. आंखों का विकास पूरा हो जाता है जिससे उसकी पलकें खुल और बंद हो सकती हैं.
इस दौरान शिशु रो सकता है, लात मार सकता है और उसे हिचकी भी आ सकती है.
7- सातवां महीना
गर्भावस्था के सातवें महीने में अगर कोई गर्भवती महिला के पेट पर कान रखे तो उसे शिशु की धड़कन सुनाई दे सकती है. इस दौरान शिशु अंगूठा भी चूसता है.
इस महीने शिशु की लंबाई 32-42 सेमी. और वजन करीब 1100 ग्राम से 1350 ग्राम तक होता है. छठे महीने से लेकर आठवें महीने तक बच्चे में बहुत सारे बदलाव आते हैं.
8- आठवां महीना
गर्भावस्था के आठवें महीने में शिशु की आंखे खुलती है इसके साथ वो सोने और जागने की खास आदत के साथ सक्रिय रहता है साथ ही उसकी की हलचल महसूस होती है.
इस महीने शिशु का वजन करीब 2000-2300 ग्राम और लंबाई 41-45 सेमी. होती है.
9- नौवां महीना
गर्भावस्था के नौवें महीने में शिशु की आंखें गहरी कबूतर रंग की होती हैं लेकिन पैदा होने के बाद आंखों का रंग बदल सकता है. शिशु का सिर नीचे व पैर ऊपर की तरफ होता है.
इस दौरान बच्चा ज्यादा शांत रहता है. इस महीने शिशु की लंबाई 50 सेमी. और वजन 3200-3400 ग्राम होता है.
तो इस तरह से गर्भावस्था में बच्चे का विकास होता है – गौरतलब है कि नौवें महीने में गर्भ में पलनेवाला शिशु पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है और जन्म लेने के लिए बिल्कुल भी तैयार रहता है.
पहले महीने से नौवें महीने तक गर्भावस्था के दौरान गर्भावस्था में बच्चे का विकास इन तस्वीरों के ज़रिये आपने देखा और यकीनन आपकी शंका का समाधान हो गया होगा.
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