अशुभ लक्षण जो संकट में डाल सकते है – प्राचीन काल से ही भारत में कई तरह की परंपराएं चली आ रही हैं.
अनुभव के आधार पर कुछ ऐसी बातें प्रचलित हैं जिसे जानकर आपको हैरानी होगी. लेकिन इन बातों को नकारा भी नहीं जा सकता. हो सकता है कहीं – ना – कहीं ये अंधविश्वास हो, या हो सकता है कि इसके पीछे कोई रहस्य भी हो. खैर जो भी हो इसकी जानकारी रखने में आखिर बुराई ही क्या है.
हजारों-लाखों परंपराओं में से कुछ ऐसे अशुभ लक्षण भी हैं जो हमारी जिंदगी और मौत से ताल्लुक रखते है.
आइए जानते हैं उन्हीं में से 10 अशुभ लक्षण –
1. नाक का दिखाइ न देना
दोस्तों नाक का नहीं दिखाई देने का मतलब साफ है कि आपकी शक्ति लगातार छीन होती चली जा रही है. आप किसी बीमारी का शिकार हो सकते हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि यदि नाक दिखाई ना दे तो हो सकता है कि मौत निकट है.
2. सीटी बजाना मतलब संकट को बुलाना
कहा गया है की रात को या फिर घर में गलती से भी सीटी नहीं बजानी चाहिए. ऐसा करने से एक तो धन की हानि होती है और दूसरी किसी अनजान संकट को बुलावा देना भी होता है. माना जाता है कि सीटी की आवाज से बुरी आत्माएं सक्रिय होने लगती हैं. वैसे ये धारणा जापान में ज्यादा प्रचलित है. भारत की बात करें तो यहां सीटी बजाने का मतलब है कि अशुभ और सांप को बुलावा देने वाला माना गया है. कुछ लोगों का यहां तक मानना है कि सिटी बजाने से शनिदेव और भैरव रुष्ट हो जाते हैं.
3. सुनसान स्थान पर पेशाब करना
मान्यता है कि किसी सुनसान स्थान या जंगल के पास पेशाब करने से बुरी आत्माएं पीछे पड़ जाती हैं. इसलिए आप देखते होंगे कि कुछ लोग पेशाब करने से पहले वहां थूकते हैं और कुछ लोग पेशाब करने से पहले किसी मंत्र इत्यादि को पढ़ते हैं. साथ ही लोग जंगल की पगडंडी, पुल या नदी किनारे पेशाब नहीं करते हैं.
4. जूते चप्पल का उल्टा होना
मान्यता है कि अगर जूते या चप्पल उल्टे हो जाएं तो इससे बाहर या घर में लड़ाई – झगड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए इसे तुरंत सीधा कर देना चाहिए. मान्यता ये भी है कि एक चप्पल या जूते को सीधा करने के लिए दूसरे चप्पल या जूते से मार कर उसे सीधा करना ज्यादा अच्छा होता है.
5. हड्डी बजाना
आपने देखा होगा कि हम में से ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि अपनी उंगलियों को चटकाते रहते हैं. इसे खोड़ले लक्षण कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है उसके हाथ में लक्ष्मी नहीं टिकती.
6. कुत्तों का लड़ना
मान्यता है कि अगर आपस में कुत्ते लड़ते हुए दिखाई दे तो व्यक्ति का किसी से लड़ाई झगड़ा हो सकता है और अगर शाम के समय एक से ज्यादा कुत्ते पूर्व दिशा की ओर मुख करके क्रंदन करें तो उस गांव या नगर में संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
7. बिल्लियों का लड़ना
मान्यता है कि जिस घर में या उसके एकदम आसपास बिल्लियां लगातार लड़ती रहती है तो वहां जल्द ही विघटन की संभावना उत्पन्न होती है. विवाद हो सकता है या मतभेद भी होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. यहां तक कि बिल्लियों का आपस में लड़ने से धन हानि होने की भी आशंका उत्पन्न होती है. अगर बिल्ली घर में आपस में झगड़ रही है तो कहा जाता है कि जल्द हीं घर में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
8. चूहों का घर में होना अशुभ है
चूहों का घर में होना अशुभ माना गया है. खासकर जिस घर में काले चूहे की संख्या ज्यादा हो वहां किसी व्याधि के अचानक होने की संभावना रहती है. चूहे हो शांति और समृद्धि धीरे-धीरे कुतर कर खा जाते हैं. मान्यता ये भी है कि जिस घर में काले चूहे की संख्या ज्यादा हो और वह दिनभर इधर से उधर घूमता दिखाई दे तो मतलब साफ है कि आपके घर में किसी शत्रु का आक्रमण होने वाला है या किसी रोग का आगमन होने वाला है.
9. लाल चींटी
लाल चींटी के बारे में मान्यता है कि घर में अगर ये मौजूद हो तो अशुभ माना जाता है और कर्ज की बढ़ोतरी होती है. यहां तक कि किसी संकट की सूचना भी इसे माना जाता है.
10. घर की छत पर कौवे, टिटहरी इत्यादि का कड़े शब्द में बोलना
मान्यता है कि जिस घर के छत पर उल्लू अथवा टिटहरी या कौवे घोर शब्द करे तो वहां किसी तरह की समस्या का आगमन होने की संभावना होती है और अगर छत पर गिद्ध, चील या कबूतर नियमित रूप से बैठा करे और 6 माह तक लगातार अपना घर बना ले तो घर के मालिक पर किसी तरह की विपत्ति आने की सूचना होती है.
ये कुछ अशुभ लक्षण है जो प्राचीन काल से चले आ रहे हैं और लोग इसके ऊपर विश्वास भी करते हैं. हम इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि इसमें कितनी सच्चाई है. या फिर ये एक अंधविश्वास मात्र है. हमने आपसे जो कुछ भी शेयर किया सिर्फ समाज में चल रही मान्यताओं के आधार पर.